आयकर के छापे में जूता व्यापारियों ने खुद सरेंडर की 29 करोड़ की अघोषित संपत्ति

आगरा में चार जूता निर्यातकों के प्रतिष्ठानों पर चार दिनों से चल रही आयकर विभाग की कार्यवाही शुक्रवार को पूरी हो गई। निर्यातकों ने आयकर विभाग के सामने 29 करोड़ रुपये की अघोषित आय सरेंडर की है। 85 घंटे तक आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग की इस कार्यवाही में 8 लॉकर मिले हैं, जिनमें से दिल्ली, नोएडा, आगरा और इटावा में जमीनों की भारी खरीद फरोख्त के कागजात मिले हैं। संपत्तियों की खरीद मामले की पड़ताल के बाद अघोषित आय और बढ़ सकती है।
 
शुक्रवार को आयकर विभाग की टीम सुबह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी रहे मनु अलघ को दिल्ली से आगरा लेकर पहुंची। दिन भर उनसे पूछताछ और घर के लॉकरों में मिले कागजात जांचे गए। सबसे पहले आयकर विभाग ने मनु अलघ के घर पर ही कार्यवाही पूरी की। उसके बाद देर रात 10 बजे के आसपास सभी प्रतिष्ठानों से आयकर टीमें वापस लौट आईं। कुल 85 घंटे तक आयकर विभाग की कार्यवाही चलती रही। 

चारों जूता निर्यातकों मनु अलघ, विजय आहूजा, राजेश सहगल और मानसी चंद्रा ने कुल 29 करोड़ रुपये की अघोषित आय सरेंडर की है। चार दिन चली यह कार्यवाही आयकर विभाग की जांच शाखा की अपर निदेशक नीलम अग्रवाल के निर्देशन में सहायक निदेशक जांच आशिमा महाजन के नेतृत्व में 100 अधिकारियों की टीम ने पूरी की।

दिल्ली नोएडा में भी खरीदीं संपत्तियां 
जूता निर्यातकों के 8 लॉकरों में से संपत्तियों के कागजात मिले हैं, उनकी जांच में पाया गया कि निर्यातकों ने दिल्ली, नोएडा, आगरा के साथ इटावा में भी संपत्तियां खरीदी हैं। दिल्ली और नोएडा में रियल एस्टेट में बड़ा निवेश किया है। इनमें से एक जूता निर्यातक का निवेश आगरा में सबसे ज्यादा मिला, जो इनर रिंग रोड, फतेहाबाद रोड, कुबेरपुर और मथुरा रोड पर सबसे बड़ा लैंडबैंक बनाए हुए है। इटावा में संपत्ति की खरीद के कागजातों ने आयकर की टीमों को चौंकाया।

एक पते पर बनाई कई कंपनियां 
चारों जूता निर्यातकों ने कारोबार के लिए कई कंपनियों का गठन किया, जिनमें से एक ही पते पर कई कपंनियों को बनाया गया। इन बोगस कंपनियों के खातों की जांच आयकर विभाग की टीमें कर रही हैं। प्रतिष्ठानों से आयकर की टीमों ने कार्यवाही पूरी कर ली, लेकिन दस्तावेज आफिस ले आए हैं। इसके अलावा जीएसटी अधिकारियों को भी कंपनियों की जानकारी दी गई है। इसमें सेंट्रल जीएसटी से भी मदद ली जा रही है। 

उम्मीद 100 करोड़ की, मिली 29 करोड़ की आय 
आयकर विभाग को कानपुर की तर्ज पर आगरा में छापे के दौरान सफलता की उम्मीद थी, लेकिन 100 करोड़ की उम्मीद के उलट केवल 29 करोड़ रुपये की अघोषित आय ही मिल पाई। इसके अलावा जो दस्तावेज मिले हैं, उनकी जांच के बाद अघोषित आय बढ़ सकती है, लेकिन विभाग पहले दिन 100 अधिकारियों की भारी भरकम टीम लगाकर 100 करोड़ की आय निकालने की उम्मीद लगाए बैठा था। 

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