पंजाब में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। सभी की निगाहें कैप्टन के गढ़ पटियाला पर टिकीं हैं। पंजाब लोक कांग्रेस से कैप्टन अमरिंदर सिंह मैदान में हैं तो अकाली दल से हरपाल जुनेजा ताल ठोक रहे हैं। इसी बीच अब आम आदमी पार्टी से पूर्व मेयर अजीतपाल सिंह कोहली को टिकट मिलने की संभावना जताई जा रही है। ऐसी भी चर्चा है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला से कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।
पटियाला कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। 2017 के चुनावों में भी कांग्रेस ने केवल सन्नौर सीट को छोड़कर बाकी सभी सात विधानसभा हलकों में जीत दर्ज की थी। खास तौर से पटियाला सीट पर तो पिछले करीब 20 सालों से कैप्टन अमरिंदर सिंह का कब्जा रहा है। 2002 से 2014 तक लगातार वह पटियाला से विधायक रहे।
2014 में अमृतसर सीट से भाजपा नेता अरुण जेटली के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने के कारण कैप्टन को विधानसभा की सदस्या से इस्तीफा देना पड़ा था लेकिन फिर भी इस सीट पर कैप्टन के शाही परिवार का ही कब्जा रहा, क्योंकि कैप्टन के इस्तीफे बाद पत्नी परनीत कौर उपचुनाव लड़ीं और जीतने भी सफल रहीं। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर कैप्टन ने पटियाला सीट पर जीत दर्ज की थी।
लेकिन अब सियासी समीकरण बदल चुके हैं। कांग्रेस को छोड़कर कैप्टन अपनी नई पार्टी बनाकर पटियाला से चुनाव लडने का एलान कर चुके हैं। उधर, अकाली दल छोड़कर आप ज्वाइन करने वाले पूर्व मेयर अजीतपाल कोहली अब कैप्टन के खिलाफ मैदान में उतर सकते हैं। अकाली दल ने जिला शहरी प्रधान हरपाल जुनेजा को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में पटियाला में मुकाबला कड़ा हो गया है।
कांग्रेस पटियाला में अपना सियासी दबदबा बरकरार रखना चाहती है। यही वजह है कि जिला कांग्रेस कमेटी के शहरी प्रधान नरिंदर पाल लाली की अगुवाई में हाल ही में बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं ने प्रस्ताव पास कर पार्टी हाईकमान को भेजा है। इस प्रस्ताव में सिद्धू को कैप्टन के खिलाफ पटियाला से उतारने की मांग की गई है। यह चर्चा जोरों पर है कि नवजोत सिंह सिद्धू को पटियाला से टिकट दी जा सकती है। जिला कांग्रेस शहरी प्रधान नरिंदर पाल लाली ने कहा कि पूरी उम्मीद है कि आलाकमान स्थानीय कांग्रेस लीडरशिप की बात सुनेगा और सिद्धू जैसे दिग्गज नेता को कैप्टन खिलाफ मैदान में उतारेगा। तभी जाकर कांग्रेस जीत सकेगी।