बैसाखी मनाने पाकिस्तान पहुंचे सिख श्रद्धालु, वाघा बॉर्डर पर हुआ स्वागत

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का 1942 यात्रियों का जत्था बैसाखी पर्व पर पाक स्थित गुरुधामों के दर्शन के लिए जयकारों की गूंज में पाक रवाना हो गया। वाघा सरहद पर पहुंच के बाद ओकाफ बोर्ड ओर पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों ने भारत से गए जत्थे का स्वागत किया।

सूत्रों के अनुसार कुल 6751 भारतीय जत्थे को वीजा जारी किए गए हैं। छह हजार से अधिक श्रद्धालु वाघा सीमा सड़क मार्ग से पाकिस्तान जा चुके हैं। श्रद्धालुओं की भारी तादाद को देखते हुए सुबह 6.30 बजे ही अटारी इमिग्रेशन सेंटर खोल दिया गया था। सुबह सात बजे से ही श्रद्धालुओं का भारतीय सीमा अटारी सड़क मार्ग से पाकिस्तान जाने का सिलसिला शुरू हो गया था।

श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा होने के चलते संगत को इमिग्रेशन करवाने में समस्याओं का सामना करना पडा। संगत पाकिस्तान जल्दी पहुंचने के उत्साह में खुद भी नियमों का उल्लंघन करती पाई गई। कतारों में लगे श्रद्धालु कतारों को तोड़ते हुए आगे बढ़ते गए। पुख्ता इंतजाम न होने के चलते भी यहां अफरा-तफरी जैसा माहौल बना रहा। यात्री धूप में ही खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। ट्रैफिक पुलिस का इंतजाम भी नहीं था। कस्टम व इमिग्रेशन स्टाफ की संख्या श्रद्धालुओं की संख्या के मुकाबले काफी कम थी। इस कारण श्रद्धालुओं को क्लीयरेंस में कई घंटे परेशान होना पड़ा।

एसजीपीसी के सदस्य जंग बहादुर सिंह की अगुवाई में एसजीपीसी का जत्था सुबह आठ बजे पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ। प्रधान हरजिंदर सिंह धामी के ओएसडी सतबीर सिंह धामी, पीए शाहबाज सिंह व सचिव प्रताप सिंह ने जत्थे को फूलों का गुलदस्ता व सिरोपे डालकर जैकारों की गूंज में अटारी सीमा के लिए रवाना किया।

एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने दिल्ली स्थित पाक दूतावास के मुख्य कमिश्नर शाद अहमद वड़ैच को लिखे पत्र में संगत को खुले दिल से वीजा जारी करने के लिए उनका आभार जताया। उन्होंने कहा कि खुशी की बात है कि पाक दूतावास को वीजा जारी करने के लिए भेजी गई 1942 श्रद्धालुओं की सूची में से सभी को वीजा जारी कर दिए गए हैं। ऐसा फैसला ना सिर्फ श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करता है बल्कि भारत-पाक के बीच बैसाखी के दौरान दोनों मुल्कों में सभ्याचारक व भाईचारक संबंधों को भी मजबूत करने वाला निर्णय है।

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