एसआईटी ने गुरुवार को किया बड़ा खुलासा: दूसरी लहर के दौरान रिम्स से हुई थी रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी

कोरोना की दूसरी लहर में रेमडेसिविर की कालाबाजारी की जांच कर रही एसआईटी ने गुरुवार को बड़ा खुलासा किया। एसआईटी का नेतृत्व कर रहे एडीजी अनिल पालटा की ओर से झारखंड हाईकोर्ट को बताया गया कि रिम्स से रेमडेसिविर की छह वायल की चोरी की गयी है। यह रेमडेसिविर भी कालाबाजारी के मुख्य आरोपी राजीव सिंह को उपलब्ध करायी गयी थी। 

इस मामले में रिम्स से रिपोर्ट मांगी गयी है। रिपोर्ट मिलने के बाद जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। कालाबाजारी की जांच तेजी से की जा रही है। रेमडेसिविर की कालाबाजारी को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह जानकारी हाईकोर्ट को दी गयी। इसके बाद चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने अगली तिथि को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

सुनवाई के दौरान एसआईटी की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले के मुख्य आरोपी राजीव सिंह का मोबाइल डाटा खंगाला गया, जिसमें किसी संतोष कुमार नामक व्यक्ति से लगातार और कई बार बात होने की जानकारी मिली है। जांच में पता चला कि संतोष कुमार रिम्स में एक महिला अनुबंधकर्मी का करीबी है। उस महिलाकर्मी ने ही रिम्स से छह वायल की चोरी कर संतोष कुमार के माध्यम से राजीव को उपलब्ध कराया है।

दोनों ने रेमडेसिविर की चोरी करने की बात स्वीकार भी की है। इस मामले में रिम्स से कई जानकारी और रिपोर्ट मांगी गयी है। इसकी जांच जारी है और रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। अदालत को बताया गया कि जांच में कई बातों को शामिल किया गया है और लोगों से पूछताछ भी हो रही है। इस पर कोर्ट अगली तिथि को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। 

क्या है मामला

कोरोना की दूसरी लहर में रेमडेसिविर की कालाबाजारी की बात मीडिया में आने के बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार से जवाब तलब किया था। इसके बाद कोर्ट ने सरकार को एसआईटी बनाकर मामले की जांच कराने को कहा था। कालाबाजारी में एक आईपीएस का नाम आने के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को निष्पक्ष होकर जांच करने को कहा था और हिदायत दी है कि यदि जांच में लापरवाही पायी गयी, तो मामले की जांच सीबीआई से करायी जा सकती है।

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