शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद में जोरदार हंगामा मचा और सत्ता पक्ष व विपक्ष की ओर से जमकर नारेबाजी हुई। शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा कक्ष में प्रवेश करते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मेज थपथपाकर स्वागत किया गया और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए गए। जवाब में विपक्ष के सदस्यों ने ‘जय किसान’ का नारा लगाया।
हंगामे के बीच कृषि कानून वापसी विधेयक पारित
लोकसभा ने बाद में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच कृषि कानून वापसी विधेयक, 2021 पारित किया। हालांकि कानून के मसौदे और किसानों के मुद्दे पर विपक्षी सदस्य चर्चा की मांग कर रहे थे। सदन की कार्यवाही शुरू होने से कुछ मिनट पहले प्रधानमंत्री लोकसभा पहुंचे। संसद सत्र के पहले दिन जब प्रधानमंत्री सदन में प्रवेश करते हैं तो भाजपा और उसके सहयोगी दलों के लिए नारों के साथ उनका अभिवादन करना आम बात है।
विपक्ष के निशाने पर सरकार
वहीं, विपक्ष ने इसे लेकर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक नुकसान के डर से सरकार ने कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया है। देश में एक बड़ा समूह कह रहा है कि सीएए संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। हम मांग करते हैं कि केंद्र नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को भी निरस्त करे।
जया बच्चन बोलीं, पहली बार ऐसा माहौल देखा
वहीं, सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि इतने सालों में जब मैं यहां हूं, मैं पहली बार इस तरह का माहौल देख रही हूं। बिल पूरी तरह से हंगामे के बीच पास हो गया। मुझे लगता है कि अब एक विशेष संसद संरक्षण विधेयक पारित किया जाना चाहिए। छोटी पार्टियों को बोलने का मौका नहीं मिलता है।
जया बच्चन ने कहा, उन्हें लोगों के नुकसान, हड़तालों और सब्जियों की बढ़ती कीमतों के बारे में बात करनी चाहिए थी। यह सरकार क्या कर रही है? हम कैसे खाएंगे? पानी प्रदूषित है, हवा प्रदूषित है, हम कैसे रहेंगे?