दक्षिण कोरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति यून सुक येओल ने शुक्रवार को राष्ट्रपति निवास छोड़ दिया। वह अपनी पत्नी किम कीन ही, 11 कुत्तों और बिल्लियों के साथ समृद्ध दक्षिणी सियोल स्थित अपने निजी निवास लौट गए। वह राष्ट्रपति निवास से काली वैन में सवार होकर निकले। जैसे ही वैन गेट पर पहुंची, उनके समर्थकों ने उन्हें घेर लिया। इस दौरान यून ने मुस्कुराते हुए समर्थकों की ओर हाथ हिलाया, हाथ मिलाया और गले मिले। फिर गाड़ी में सवार होकर वहां से निकल गए।
यून सुक येओल के आगमन से पहले, उनके दर्जनों समर्थक और आलोचक भारी पुलिस बल की मौजूदगी में उनके निजी आवास के पास एकत्र हुए। यून के समर्थकों के हाथों में ‘महामहिम यून, हम आपकी भावना के साथ आगे बढ़ेंगे’ के नारे लिखे बैनर थे, जबकि उनके आलोचकों के हाथ में ‘यून सुक योल को मृत्युदंड दो!’ के नारे लिखे बैनर थे।
जनवरी में कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने यून को हिरासत में लिया
बता दें कि एक सप्ताह पहले सांविधानिक न्यायालय ने दिसंबर में मार्शल लॉ लागू करने के कारण यून सुक को राष्ट्रपति पद से हटा दिया था। जनवरी में हन्नाम-डोंग जिले में स्थित राष्ट्रपति परिसर को कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने घेर लिया था और यून को हिरासत में लिया था। विद्रोह के आरोपों में आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहे यून सुक की सियोल की अदालत ने गिरफ्तारी रद्द कर दी थी, जिसके बाद मार्च में उन्हें हिरासत से रिहा कर दिया गया था।
यून ने तीन दिसंबर की देर रात मार्शल लॉ की घोषणा की
यून सुक येओल ने 2022 के चुनाव में मामलू अंतर से जीत हासिल की थी। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने तीन दिसंबर को देर रात मार्शल लॉ की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने राज्य विरोधी उदारवादियों को खत्म करने की कसम खाई और उन पर अपने एजेंडे को बाधित करने के लिए अपने विधायी बहुमत का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
विधायी गतिविधियों को निलंबित करने की भी घोषणा की
इस दौरान यून सुक ने विधायी गतिविधियों को निलंबित करने की भी घोषणा की। यून ने नेशलन असेंबली को घेरने के लिए सैकड़ों सैनिकों को भेजा, लेकिन सांसद कोरम बनाने में कामयाब रहे। मार्शल लॉ लागू होने के कुछ ही घंटों बाद यून को हटाने के लिए मतदान किया।
14 दिसंबर को यून पर लगाया गया महाभियोग
14 दिसंबर को असेंबली ने यून पर महाभियोग लगाया और उनकी शक्तियों को निलंबित कर दिया। सांविधानिक न्यायालय ने महाभियोग को बरकरार रखा। एक सप्ताह पहले सांविधानिक न्यायालय ने औपचारिक रूप से यून को राष्ट्रपति पद से हटा दिया। इसके बाद सरकार ने तीन जून को राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा की।