भारतीय भाला फेंक एथलीट और ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर अपनी श्रेष्ठता साबित करते हुए एक नया खिताब अपने नाम किया है। खास बात यह रही कि यह जीत उसी प्रतियोगिता में दर्ज की गई, जिसका नाम खुद नीरज के नाम पर रखा गया है। बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम में आयोजित नीरज चोपड़ा क्लासिक टूर्नामेंट के पहले संस्करण में उन्होंने 86.18 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर विजेता का ताज पहना।
नीरज की निर्णायक थ्रो
प्रतियोगिता के दौरान नीरज ने तीसरे प्रयास में 86.18 मीटर का थ्रो किया, जो अंत में सर्वश्रेष्ठ साबित हुआ। इस प्रदर्शन के दम पर उन्होंने 12 अंतरराष्ट्रीय एथलीटों के बीच पहला स्थान हासिल किया।
अन्य प्रमुख प्रदर्शन
पूर्व वर्ल्ड चैंपियन केन्या के जूलियस येगो ने 84.51 मीटर का थ्रो कर दूसरा स्थान पाया, जबकि श्रीलंका के रुमेश पथिरागे ने 84.34 मीटर की दूरी तय कर तीसरा स्थान हासिल किया। वहीं, जर्मनी के पूर्व ओलंपिक चैंपियन थॉमस रोहलर का प्रदर्शन प्रभावशाली नहीं रहा। उनके तीन प्रयासों में से दो फाउल रहे और सर्वश्रेष्ठ थ्रो 75.85 मीटर रहा।
भारत में जैवलिन का पहला अंतरराष्ट्रीय गोल्ड लेवल टूर्नामेंट
देश में जैवलिन थ्रो को लोकप्रिय बनाने और नीरज की उपलब्धियों के सम्मान में शुरू किए गए इस टूर्नामेंट का आयोजन जेएसडब्लू स्पोर्ट्स, भारतीय एथलेटिक्स महासंघ और वर्ल्ड एथलेटिक्स के संयुक्त प्रयास से किया गया। यह भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय स्तर का जैवलिन थ्रो टूर्नामेंट है, जिसे गोल्ड लेवल का दर्जा दिया गया है।
इस आयोजन को पहले मई में आयोजित किया जाना था, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात के चलते इसे स्थगित कर 5 जुलाई को आयोजित किया गया। अंततः यह आयोजन सफल रहा और नीरज चोपड़ा की उम्मीदों के अनुरूप उन्होंने इस ऐतिहासिक टूर्नामेंट में जीत दर्ज की।