गोपाल खेमका मर्डर: जेल में छापेमारी से उभरीं चौंकाने वाली बातें, कई अधिकारी रडार पर

पटना। राजधानी पटना में व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इस हाई प्रोफाइल मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है। हालांकि घटना के 36 घंटे बाद भी मुख्य आरोपी फरार है, जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

सरकार के लिए चुनौती बना मामला, उपमुख्यमंत्री ने जताई सख्ती की मंशा

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस हत्या को सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अपराधी चाहे जहां भी हों, उन्हें किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि पुलिस-प्रशासन व्यापारियों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह गंभीर है और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे।

बेउर जेल में छापेमारी, तीन कक्षपाल सस्पेंड

इस हत्याकांड की कड़ियों को जोड़ने के लिए रविवार को पटना के आदर्श केन्द्रीय कारा बेउर में जबरदस्त छापेमारी की गई। पटना प्रमंडल के आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में तीन मोबाइल फोन और कई प्रतिबंधित वस्तुएं जब्त की गईं।

जेल अधीक्षक नीरज कुमार झा ने बताया कि ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में तीन कक्षपाल— अंतोष कुमार सिंह, आशीष कुमार और ओम कुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही अन्य अधिकारियों से जवाब-तलब किया गया है। प्रशासन ने लगभग 100 बंदियों से पूछताछ की है, जिससे जांच को नया सुराग मिलने की संभावना है।

36 घंटे बाद भी मुख्य आरोपी गिरफ्त से बाहर

हत्याकांड को लेकर पटना पुलिस पर चौतरफा दबाव है। बावजूद इसके, घटना के डेढ़ दिन बाद भी मुख्य आरोपी तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है। पटना जोन के आईजी जितेंद्र राणा ने बताया कि एसएसपी के नेतृत्व में गठित SIT हत्याकांड की बारीकी से जांच कर रही है। बीते 24 घंटों में कई जगहों पर छापेमारी की गई है और कुछ संदिग्धों से पूछताछ चल रही है।

पहले बेटे की हत्या, अब पिता की दिनदहाड़े हत्या

यह पहला मौका नहीं है जब खेमका परिवार को हिंसक हमले का सामना करना पड़ा हो। करीब सात वर्ष पूर्व गोपाल खेमका के बेटे की भी हत्या कर दी गई थी। अब स्वयं खेमका की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या ने राजधानी की कानून व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। यह वारदात न केवल सुरक्षा तंत्र की विफलता को उजागर करती है, बल्कि अपराधियों के बढ़ते हौसले का भी संकेत देती है।

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