बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने राज्य की सियासत को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दौर समाप्त होने की ओर है। प्रशांत किशोर के अनुसार, यह केवल उनकी राय नहीं है, बल्कि यह बात वे लोग भी कह रहे हैं जो बीते डेढ़ महीने से जनसभाओं और संवाद यात्राओं में जनता की प्रतिक्रिया देख और सुन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जन सुराज की टीम जब गांवों और कस्बों में जाती है, तो वहाँ जुटने वाली भीड़ केवल उन्हें सुनने नहीं आती, बल्कि यह जनता उस व्यवस्था से असंतुष्ट है जिसे लंबे समय से आरजेडी और नीतीश-भाजपा की गठजोड़ वाली राजनीति चला रही है। प्रशांत किशोर के मुताबिक, पहले लोगों के पास कोई वैकल्पिक विकल्प नहीं था, इसलिए वे इन्हीं दलों को चुनते थे, लेकिन अब जन सुराज ने एक भरोसेमंद विकल्प के रूप में अपनी जगह बनाई है।
“चुनाव के बाद नहीं रहेगा JDU का वजूद”
प्रशांत किशोर ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि नीतीश कुमार के शासन में हाल के दिनों में कई आपराधिक घटनाएं हुईं, लेकिन मुख्यमंत्री ने न तो कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया दी और न ही पीड़ित परिवारों से मिलने का प्रयास किया। उन्होंने सवाल उठाया कि एक मंत्री 58 वर्ष की उम्र में प्रोफेसर कैसे बन सकते हैं, यह दर्शाता है कि शासन में पारदर्शिता नहीं है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के बाद जनता दल यूनाइटेड (JDU) का राजनीतिक अस्तित्व खत्म हो सकता है। उनका दावा है कि जनता अब बदलाव चाहती है और जन सुराज उस बदलाव की दिशा में मजबूत कदम बन चुका है।