शिवहर में पीके की जनसभा, तेज़ बारिश में सिर पर कुर्सी रख जुटे लोग

जन सुराज अभियान के अगुवा प्रशांत किशोर शुक्रवार को बिहार बदलाव यात्रा के तहत एक दिवसीय दौरे पर शिवहर पहुँचे। उन्होंने तरियानी प्रखंड के युगल किशोर जय मंगल महाविद्यालय में आयोजित सभा को संबोधित किया, जहां उन्होंने बिहार में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया। इस दौरान नीतिश सिंह महाराज और अपर्णा सिंह के नेतृत्व में जगह-जगह उनका भव्य स्वागत किया गया। नरवारा बाजार और तरियानी चौक समेत कई स्थानों पर ढोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं के साथ समर्थकों ने उनका अभिनंदन किया।

बच्चों की शिक्षा और रोजगार के मुद्दे पर दिया जोर

सभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “मैं बीते तीन वर्षों से बिहार के गाँव-गाँव में घूम रहा हूँ और देखा है कि बच्चों के पास ढंग के कपड़े और चप्पल तक नहीं हैं। नेताओं से उम्मीद मत रखिए कि वे आपके बच्चों की चिंता करेंगे—यह ज़िम्मेदारी आपकी है।” उन्होंने कहा कि राज्य की राजनीति में ऐसे लोग वर्षों से सत्ता में रहे हैं, जिनकी संतानें बिना योग्यता के भी उच्च पदों पर पहुँच जाती हैं, लेकिन आम लोगों के पढ़े-लिखे बच्चों को नौकरी तक नहीं मिलती।

उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि अब वोट किसी नेता के नाम पर नहीं, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर देना चाहिए।

सरकार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

प्रशांत किशोर ने राज्य सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि राशन कार्ड से लेकर ज़मीन की रसीद तक, हर सरकारी प्रक्रिया में रिश्वत आम हो चुकी है। उन्होंने कहा, “आज जनता पांच किलो अनाज और एक सिलेंडर से खुश हो जाती है, लेकिन यह नहीं सोचती कि उनके बच्चों को न सही शिक्षा मिल रही है और न ही रोज़गार।”

जनता से की अपील – नेताओं का चेहरा नहीं, अपने बच्चों का चेहरा देखकर करें मतदान

शिवहर की जनता से संवाद करते हुए किशोर ने कहा, “जो नेता आपको और आपके बच्चों को ठगते हैं, उन्हें वोट न दें। अगली बार अपने बच्चों के लिए वोट करें, ताकि बिहार में जनता का शासन स्थापित हो सके। बदलाव के लिए ज़रूरी है कि वोट विचार पर हो, न कि चेहरों पर।”

तेज हवा और बारिश भी नहीं रोक पाई जनसमूह

सभा के आयोजन में भारी जनसैलाब उमड़ा। सुबह से ही बड़ी संख्या में युवा और महिलाएं उत्साहपूर्वक जनसभा स्थल पर पहुँचने लगे थे। बारिश और तेज़ हवा के बावजूद लोग कार्यक्रम स्थल पर डटे रहे—कुछ लोगों ने बारिश से बचाव के लिए कुर्सियों को ही ढाल बना लिया।

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