किसानों को राहत: छत्तीसगढ़ सरकार ने डीएपी की जगह उपलब्ध कराए एनपीके और एसएसपी उर्वरक

खरीफ 2025 के मौजूदा मौसम में डीएपी खाद के आयात में गिरावट के कारण संभावित संकट से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। राज्य में किसानों को डीएपी की कमी का सामना न करना पड़े, इसके लिए सरकार ने एनपीके और एसएसपी जैसे विकल्पों की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में सुनिश्चित की है। ये उर्वरक किसानों तक सहकारी समितियों के माध्यम से पहुंचाए जा रहे हैं।

राज्य सरकार ने एनपीके (20:20:13) और एनपीके (12:32:13) के वितरण लक्ष्य को बढ़ाकर 3.10 लाख मीट्रिक टन तथा एसएसपी का लक्ष्य बढ़ाकर 1.80 लाख मीट्रिक टन कर दिया है। इस संशोधन के बाद पूरे खरीफ सीजन में रासायनिक उर्वरकों का कुल वितरण लक्ष्य 14.62 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 17.18 लाख मीट्रिक टन हो गया है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आश्वस्त किया है कि किसानों को डीएपी की कमी से घबराने की आवश्यकता नहीं है। कृषि विभाग और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में किसान एनपीके और एसएसपी का प्रयोग कर अपेक्षित उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि समितियों के माध्यम से किसानों को उनकी मांग के अनुरूप खाद व बीज की आपूर्ति हो।

खरीफ सीजन के संशोधित उर्वरक लक्ष्य

कृषि विभाग ने इस वर्ष खरीफ के लिए मूलतः 14.62 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य तय किया था, जिसमें डीएपी की हिस्सेदारी 3.10 लाख मीट्रिक टन थी। अब इसे घटाकर 1.03 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है, जबकि एनपीके का लक्ष्य 1.80 से बढ़ाकर 4.90 लाख मीट्रिक टन और एसएसपी का 2 लाख से बढ़ाकर 3.53 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है। यूरिया (7.12 लाख मीट्रिक टन) और एमओपी (60 हजार मीट्रिक टन) के लक्ष्य यथावत रखे गए हैं।

वैज्ञानिकों की राय और वैकल्पिक खाद की उपयोगिता

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, फसलों की जरूरत को देखते हुए डीएपी की पूर्ति एनपीके, एसएसपी और जैविक उर्वरकों के माध्यम से की जा सकती है। डीएपी में जहां 23 किलोग्राम फॉस्फोरस और 9 किलोग्राम नाइट्रोजन होता है, वहीं तीन बोरी एसएसपी और एक बोरी यूरिया के समुचित मिश्रण से पौधों को आवश्यक पोषक तत्व — फॉस्फोरस, नाइट्रोजन, कैल्शियम और सल्फर — मिलते हैं। एसएसपी न सिर्फ फसलों की गुणवत्ता को सुधारता है, बल्कि जड़ों के विकास में भी सहायक होता है।

राज्य में भंडारण और वितरण की स्थिति

कृषि विभाग के अनुसार, इस खरीफ सीजन के लिए 12.13 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद का भंडारण कराया गया है। अब तक 7.29 लाख मीट्रिक टन खाद किसानों को वितरित किया जा चुका है, जबकि 4.84 लाख मीट्रिक टन उर्वरक सहकारी और निजी क्षेत्रों में उपलब्ध है।

राज्य सरकार का यह प्रयास सुनिश्चित करता है कि किसानों को खाद संकट से जूझना न पड़े और उन्हें समय पर आवश्यक विकल्प मिल सकें। सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता किसानों की जरूरतों की पूर्ति और कृषि उत्पादन की निरंतरता है।

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