पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया आरोपी तहव्वुर राणा

26/11 मुंबई हमलों के कथित मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को आज पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उसे 6 जून 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हाल ही में अमेरिका से प्रत्यर्पित कर राणा को भारत लाया गया था।

पूछताछ में अहम खुलासे की उम्मीद

अदालत ने एनआईए को निर्देश दिया है कि राणा की हर 24 घंटे में मेडिकल जांच की जाए और उसे हर दूसरे दिन वकील से मिलने की अनुमति दी जाए। राणा को एनआईए मुख्यालय के हाई-सिक्योरिटी सेल में रखा गया है, जहां सुरक्षा के सख्त इंतजाम हैं। एनआईए की पूछताछ में राणा से उसके पाकिस्तानी संपर्क, वित्तीय स्रोत और स्लीपर सेल नेटवर्क से जुड़े सवाल किए जा रहे हैं। जांच एजेंसी को संदेह है कि राणा के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से गहरे संबंध थे। एनआईए का मानना है कि आगे की पूछताछ से महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आ सकती हैं।

कोर्ट में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

राणा की पेशी के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर भारी सुरक्षा तैनात रही। सुनवाई के दौरान केवल संबंधित अधिकारी और वकील ही कोर्टरूम में मौजूद रहे। मीडिया को कोर्टरूम से बाहर ही रखा गया। पेशी के समय राणा का चेहरा ढका हुआ था।

अमेरिका से प्रत्यर्पण: महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अधिकारी

तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया। दिल्ली पहुंचाने वाली एनआईए की विशेष टीम में आईपीएस आशीष बत्रा (1997 बैच, झारखंड कैडर), प्रभात कुमार (छत्तीसगढ़ कैडर) और महिला आईपीएस अधिकारी जया रॉय (झारखंड कैडर) ने अहम भूमिका निभाई। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी, जिसे फरवरी 2025 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्वीकृति दी।

2009 में हुई थी अमेरिका में गिरफ्तारी

मुंबई हमलों में 174 लोगों की मौत और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। लश्कर-ए-तैयबा द्वारा अंजाम दिए गए इस हमले में तहव्वुर राणा पर साजिश में शामिल होने का आरोप है। 2011 में भारतीय अदालत ने उसे दोषी ठहराया था, लेकिन वह उस समय अमेरिका में था। 2009 में उसकी गिरफ्तारी अमेरिका में हुई थी और तब से वह प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा था।

कौन है तहव्वुर हुसैन राणा?

तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक है। पहले वह पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में कार्यरत था। 1990 के दशक में वह कनाडा चला गया और 2001 में कनाडाई नागरिकता प्राप्त की। बाद में शिकागो में बसकर इमिग्रेशन कंसल्टेंसी समेत कई व्यवसाय शुरू किए। राणा पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।

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