नई दिल्ली। औद्योगिक क्षेत्रों में धूल और अन्य प्रदूषकों पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार वाहनों पर लगी मोबाइल एंटी-स्मॉग गन तैनात करेगी।
एक अधिकारी ने बताया कि आठ मोबाइल एंटी-स्मॉग गन किराए पर लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और सरकारी एजेंसी के साथ पंजीकृत उपयुक्त ठेकेदार को काम पर रखने के बाद इन्हें औद्योगिक क्षेत्रों में तैनात किए जाने की संभावना है।
सभी सड़कों पर पानी का छिड़काव करेंगे
शहर के विभिन्न हिस्सों में 24 पंजीकृत औद्योगिक क्षेत्र हैं, जहां औद्योगिक गतिविधियों और परिवहन वाहनों की आवाजाही से धूल और अन्य प्रदूषक उत्पन्न होते हैं। ट्रकों पर लगे स्मॉग गन दो शिफ्टों में काम करेंगे, जो सुबह तीन बजे से शुरू होकर इन क्षेत्रों की सभी सड़कों पर पानी का छिड़काव करेंगे।
स्मॉग गन सुबह तीन बजे से सुबह सात बजे तक और हर कार्य दिवस पर चार गैर-व्यस्त घंटों के लिए चालू रहेंगी। अधिकारियों ने बताया कि आठ स्मॉग गन में से दो को रिजर्व में रखा जाएगा।
छिड़काव के दौरान पानी भरने की व्यवस्था खुद करेगा
संबंधित ठेकेदार औद्योगिक क्षेत्रों में पानी के टैंकरों के माध्यम से छिड़काव के दौरान पानी भरने की व्यवस्था खुद करेगा। अधिकारियों ने बताया कि ट्रक पर लगे एंटी-स्मॉग गन शिफ्ट के दौरान पानी भरने के लिए साइट से बाहर नहीं जाएंगे। उन्होंने बताया कि जिन ट्रकों पर एंटी-स्मॉग गन लगाई जाएंगी, वे जीपीएस से लैस होंगे, ताकि उनकी गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके। उद्योग विभाग के इंजीनियरों के पास जीपीएस से लैस साफ्टवेयर तक पहुंच होगी, जबकि उन्हें साप्ताहिक आधार पर डेटा उपलब्ध कराया जाएगा।
छिड़काव के लिए केवल गैर-पेयजल का उपयोग किया जाएगा
छिड़काव के लिए केवल गैर-पेयजल का उपयोग किया जाएगा, जैसे कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित केंद्रीयकृत अपशिष्ट उपचार संयंत्रों में उपलब्ध पानी।
कार्य करने के लिए 10 महीने का समय दिया जाएगा (मानसून के दो महीने को छोड़कर)। ठेकेदार की नियुक्ति औपचारिक रूप से होने के एक सप्ताह बाद काम शुरू हो जाएगा। इस काम पर करीब 2 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।