दिल्ली सरकार ने आगामी सावन माह में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा के लिए अहम निर्णय लेते हुए सहायता राशि सीधे समितियों के खातों में स्थानांतरित करने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। उन्होंने इसे धार्मिक आयोजन को पारदर्शिता और भ्रष्टाचारमुक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों में सहायता राशि वितरण में पारदर्शिता नहीं थी और प्रक्रिया में अनावश्यक देरी होती थी, जिससे समितियों को समय पर सहायता नहीं मिल पाती थी। अब बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के सीधे बैंक खातों में राशि ट्रांसफर की जाएगी। इसके तहत रजिस्टर्ड समितियां जिलाधिकारी को आवेदन भेजेंगी और सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जाएगा।
चार श्रेणियों में मिलेगी आर्थिक मदद
नई योजना के तहत कांवड़ समितियों को न्यूनतम 50 हजार रुपये और अधिकतम 10 लाख रुपये तक की सहायता मिलेगी। यह सहायता दो किस्तों में दी जाएगी—पहली किस्त अग्रिम और शेष कार्य पूर्ण होने के बाद। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना को ‘मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव’ नाम दिया गया है और इस वर्ष के लिए समितियों को 30 जुलाई तक पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
बिजली का खर्च भी उठाएगी सरकार
सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि इस आयोजन में शामिल समितियों को 1200 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाएगी। इसकी निगरानी की जिम्मेदारी एसडीएम स्तर के अधिकारियों को दी जाएगी, जो जियो टैगिंग के माध्यम से व्यवस्थाओं पर नज़र रखेंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछली बार 170 समितियों को सरकारी सहायता मिली थी। इस बार भी पूरी योजना की निगरानी चार विधायकों की एक टीम करेगी, जिसमें कपिल मिश्रा भी शामिल होंगे। दिल्ली सरकार कांवड़ यात्रा को केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक सहभागिता का प्रतीक मानती है।