ऑपरेशन सिंदूर: मेरी बहू ने…भावुक हुए कर्नल सोफिया के ससुर

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया था। इसके जवाब में भारतीय सेना ने 7 और 8 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक कार्रवाई की। इस मिशन की जानकारी मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी ने दी। उनके इस साहसिक कदम से न सिर्फ सेना बल्कि परिवार और गांव वाले भी गर्व महसूस कर रहे हैं।

ससुर ने जताई खुशी

कर्नल सोफिया कुरैशी के ससुर गौसाब बागेवाड़ी, जो कर्नाटक के बेलगावी जिले के कोन्नूर गांव में रहते हैं, ने कहा कि उनकी बहू ने पूरे परिवार का मान बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि करीब छह महीने पहले सोफिया गांव आई थी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद से गांववाले लगातार उन्हें बधाई दे रहे हैं। सोफिया के पति कर्नल ताजुद्दीन, जो खुद भारतीय सेना में तैनात हैं, ने अपने पिता से बात कर कहा कि कर्नल सोफिया को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है।

गांव में जश्न और गर्व का माहौल

गौसाब ने बताया कि गांव के लोग कर्नल सोफिया की बहादुरी पर गर्व महसूस कर रहे हैं। पूरे गांव में जश्न का माहौल है। कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की सिग्नल कोर में अधिकारी हैं। उनके दादा और पिता भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने 1999 में चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) से प्रशिक्षण प्राप्त कर लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन प्राप्त किया था। सोफिया ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन और उत्तर-पूर्व भारत में बाढ़ राहत कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भारतीय सेना का साहसिक जवाब

7 मई की रात भारतीय सेना ने पहलगाम हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इसके बाद विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में जानकारी दी गई। इस प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने विस्तार से जानकारी साझा की। इस मौके पर विदेश सचिव विक्रम मिस्सी भी मौजूद थे।

कर्नल सोफिया के साहसिक कदम और भारतीय सेना की इस प्रभावशाली कार्रवाई को लेकर पूरे देश में सराहना की जा रही है।

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