दिल्ली सरकार ने राजधानी की जर्जर हो चुकी सड़कों को फिर से दुरुस्त करने की दिशा में बड़ी पहल की है। लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा 415 किलोमीटर लंबी प्रमुख सड़कों के पुनर्निर्माण के लिए केंद्र सरकार को 950 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। यह परियोजना केंद्रीय सड़क निधि (CRF) के अंतर्गत संचालित की जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के माध्यम से दिल्ली की प्रमुख सड़कों की स्थिति में व्यापक सुधार किया जा सके।
इस प्रस्ताव में रिंग रोड, आउटर रिंग रोड, मथुरा रोड, महरौली-बदरपुर रोड, महिपालपुर-गुरुग्राम मार्ग, नजफगढ़ क्षेत्र की सड़कें, एम्स से आश्रम चौक तक का हिस्सा और रानी झांसी फ्लाईओवर जैसी प्रमुख सड़कें शामिल हैं। अब तक लगभग 150 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत पूरी की जा चुकी है, जबकि 100 किलोमीटर पर कार्य प्रगति पर है। अगले वित्तीय वर्ष तक 500 किलोमीटर सड़कों के मरम्मत का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
फुटपाथ और जल निकासी की भी व्यवस्था
सड़क निर्माण के साथ-साथ पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए फुटपाथ और जल निकासी व्यवस्था का भी प्रावधान इस परियोजना में शामिल किया गया है। निर्माण कार्य पूरी तरह से ई-निविदा प्रणाली (e-tendering) के माध्यम से संपन्न होगा और इसे वर्ष 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। सरकार को उम्मीद है कि इस बार केंद्र से वित्तीय सहयोग मिलने की संभावना है, जिससे कार्य को गति मिलेगी। नागरिक सड़क से संबंधित समस्याओं को PWD की वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से दर्ज करा सकते हैं।
PWD की निगरानी में होगा काम
दिल्ली में लोक निर्माण विभाग के अधीन लगभग 1400 किलोमीटर सड़कें आती हैं, जिनमें से 415 किलोमीटर को इस विशेष योजना के अंतर्गत प्राथमिकता दी गई है। विभाग के अनुसार, कई सड़कों की हालत पिछले वर्षों से खराब बनी हुई है, जिससे राहगीरों को असुविधा का सामना करना पड़ता है।
सरकार का मानना है कि राजधानी की सड़कें केवल यातायात का जरिया नहीं, बल्कि शहर की पहचान भी होती हैं। बेहतर सड़कें जहां आवागमन को सुगम बनाती हैं, वहीं वे आर्थिक गतिविधियों और नागरिक जीवन की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाती हैं। इसीलिए निर्माण की गुणवत्ता, समयबद्धता और पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। विभाग हर स्तर पर निगरानी करेगा और निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाएगी।