कुरुक्षेत्र: रामदेव और सीएम सैनी के साथ एक लाख साधकों ने किया योग, बनाया रिकॉर्ड

धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के पवित्र ब्रह्म सरोवर में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विशेष आयोजन संपन्न हुआ। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में योग गुरु स्वामी रामदेव, पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक लाख से अधिक योग साधकों के साथ योगाभ्यास किया। इस आयोजन ने योग के महत्व को पुनः उजागर किया और एक नया विश्व रिकॉर्ड भी कायम किया। हरियाणा योग आयोग तथा आयुष विभाग के संयुक्त प्रयास से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, आयुष मंत्री आरती राव और सांसद नवीन जिंदल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

स्वामी रामदेव ने अपने सम्बोधन में कहा कि योग सनातन धर्म का मूल तत्व है, जो अब युगधर्म बन चुका है। उन्होंने बताया कि विश्व के लगभग 200 देशों में 200 करोड़ से अधिक लोग नियमित रूप से योगाभ्यास कर रहे हैं। योग न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करता है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक जीवन का आधार भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पहल से योग को विश्व स्तर पर मान्यता मिली है। स्वामी रामदेव ने सभी से योग और स्वदेशी अपनाने का संकल्प लेने की अपील की, जिससे भारत को आर्थिक और आध्यात्मिक महाशक्ति बनाया जा सके।

नशा मुक्त और स्वस्थ हरियाणा का संकल्प

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि योग जीवन जीने की कला है और उनका लक्ष्य एक नशा मुक्त तथा रोगरहित हरियाणा बनाना है। उन्होंने यह घोषणा की कि राज्य में 100 नई योग और व्यायामशालाओं की स्थापना की जाएगी ताकि योग की सुविधा हर व्यक्ति तक पहुंच सके। साथ ही सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों के लिए 5 मिनट का योग ब्रेक भी शुरू किया जाएगा, जिससे तनाव कम हो सके। सैनी ने कहा कि कुरुक्षेत्र, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था, अब योग के माध्यम से स्वस्थ जीवन का संदेश विश्व को दे रहा है।

योग का वैज्ञानिक पक्ष

आचार्य बालकृष्ण ने योग के वैज्ञानिक पहलुओं पर चर्चा करते हुए बताया कि रोजाना आधे से एक घंटे का योगाभ्यास एंटी-एजिंग, प्रतिरक्षा प्रणाली और लंबी उम्र को बढ़ावा देता है। यह बीमारियों को नियंत्रित करने और उन्हें ठीक करने की क्षमता रखता है। उन्होंने यह भी बताया कि पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ने योग से संबंधित सैकड़ों शोध पत्र प्रकाशित किए हैं, जो विश्वभर में मान्यता प्राप्त हैं।

स्वदेशी और शिक्षा में परिवर्तन

स्वामी रामदेव ने स्वदेशी अपनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि विदेशी कंपनियों ने भारत की संपदा का बड़े पैमाने पर शोषण किया है। उन्होंने लोगों से देशी उत्पादों का समर्थन करने का आग्रह किया, जिससे भारत आर्थिक रूप से मजबूत बने। साथ ही उन्होंने 1835 से चली आ रही मैकाले शिक्षा प्रणाली को समाप्त करने की जरूरत पर भी बल दिया। पतंजलि गुरुकुलम और आचार्यकुलम जैसे संस्थान भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से चरित्रवान और नेतृत्वकारी युवा तैयार कर रहे हैं।

हरियाणा में योग की लहर

इस आयोजन में पूरे हरियाणा से करीब 11 लाख से अधिक लोगों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन भाग लिया। पतंजलि योग समिति ने देश के 650 जिलों में निशुल्क योग प्रशिक्षण शिविर भी लगाए। स्वामी रामदेव ने घोषणा की कि कुरुक्षेत्र का मेला मैदान अब ‘योग मैदान’ के नाम से जाना जाएगा। कार्यक्रम में 37,000 स्कूली बच्चे और 40,000 पतंजलि योगपीठ के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। आयोजन स्थल को 100 सेक्टरों में विभाजित किया गया था, जहाँ 31 एलईडी स्क्रीन पर योग सत्र का सीधा प्रसारण किया गया।

पर्यावरण संरक्षण और योग का मेल

‘एक अर्थ, एक हेल्थ’ के विषय के अंतर्गत हरियाणा में 10 लाख औषधीय पौधे भी लगाए गए। मुख्यमंत्री ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पौधरोपण को प्रोत्साहित किया। यह आयोजन केवल योग के प्रचार-प्रसार तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने में भी सफल रहा। कुरुक्षेत्र का यह योग महोत्सव हरियाणा और भारत के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक बन गया। स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में योग अब आम जनजीवन का हिस्सा बनता जा रहा है। यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति को विश्व के सामने प्रदर्शित करने में सफल रहा।

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