बिलासपुर उपायुक्त कार्यालय के बाहर बुधवार को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के साथ कथित धक्का-मुक्की और अभद्र व्यवहार करने के आरोप में कांग्रेस के पूर्व विधायक बंबर ठाकुर के खिलाफ सदर थाना में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोपों में सरकारी कार्य में बाधा डालने और वीवीआईपी मूवमेंट के समय अशांति फैलाने की धाराएं भी शामिल हैं।
बिलासपुर में बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यक्रम था। उनके आगमन से ठीक पहले पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने मार्च में उन पर हुए हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी न होने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने उन्हें पहले चंगर क्षेत्र स्थित उनकी पत्नी के सरकारी आवास के पास रोकने की कोशिश की, लेकिन वे अपने समर्थकों के साथ उपायुक्त कार्यालय परिसर के प्रवेश द्वार तक पहुंच गए।
उस दौरान जेपी नड्डा का काफिला उसी मार्ग से गुजरने वाला था। प्रशासनिक अधिकारियों — एसडीएम सदर और डीएसपी मुख्यालय — ने बंबर से अनुरोध किया कि वे मुख्य द्वार से प्रवेश करें, लेकिन वह वैकल्पिक मार्ग से जाने की जिद पर अड़े रहे। इसी दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, जो उस समय कार्यकारी एसपी का दायित्व निभा रहे थे, जब हस्तक्षेप करने पहुंचे, तो उनके साथ कथित तौर पर धक्का-मुक्की हुई। बाद में एसडीएम की मध्यस्थता से स्थिति शांत की गई।
नड्डा की सुरक्षा को देखते हुए बदला गया मार्ग
घटना को देखते हुए नड्डा के काफिले को नियोजित कोर्ट रोड के बजाय बस अड्डा रोड से परिधि गृह पहुंचाया गया। एएसपी शिव चौधरी ने स्पष्ट किया कि पूर्व विधायक ने न तो धरने की पूर्व सूचना दी थी और न ही प्रशासन से इसकी अनुमति ली थी। उन्होंने कहा कि वीवीआईपी की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है, खासकर जब व्यक्ति को Z श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त हो।
बंबर ठाकुर का कहना है कि मंगलवार रात उन पर हमले की कोशिश हुई थी, जिसकी सूचना उन्होंने पुलिस को दी, लेकिन मामला दर्ज नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें जानकारी होती कि जेपी नड्डा उसी मार्ग से गुजरेंगे, तो वे प्रदर्शन स्थल में बदलाव कर देते।