कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं (जल-थल-नौसेना) को तैयार रहने का आदेश दिया. इसके दूसरे दिन भारत के नवीनतम स्वदेशी युद्धपोत, INS सूरत ने इस सप्ताह अरब सागर में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (MRSAM) प्रणाली का उपयोग करके एक तेज, कम उड़ान वाले लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेद दिया.
भारतीय नौसेना ने स्वदेशी युद्धपोत निर्माण में एक और बड़ी छलांग लगाई है. INS सूरत, जो कि भारत का नया स्वदेशी गाइडेड मिसाइल विध्वंसक जहाज है, ने समुद्र की सतह के करीब उड़ते लक्ष्य पर सटीक हमला करके नौसेना की ताकत को नया मुकाम दिया है.
इस मिशन में एक खास तकनीक का इस्तेमाल हुआ, जिसे “कोऑपरेटिव एंगेजमेंट” कहा जाता है. इसका मतलब है कि जहाज ने अपने सेंसर और हथियार प्रणाली को दूसरे प्लेटफॉर्म्स के साथ मिलाकर एकदम सटीक हमला किया., यह कामयाबी भारत की स्वदेशी तकनीक, डिजाइन और रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को दिखाता है.
नौसेना ने दिखाई अपनी ताकत
इजराइल के साथ संयुक्त रूप से विकसित मिसाइल प्रणाली की 70 किलोमीटर की अवरोधन सीमा है और इसे समुद्र-स्किमिंग खतरों से निपटने के लिए डिजाइन किया गया है. परीक्षण ने लाइव परिचालन स्थितियों के तहत उच्च परिशुद्धता का प्रदर्शन किया.
परीक्षण लॉन्च का एक वीडियो साझा करते हुए, भारतीय नौसेना ने कहा कि नवीनतम स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक INS सूरत ने समुद्र की सतह पर लक्ष्य को सफलतापूर्वक निशाना बनाया, जो हमारी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक और मील का पत्थर है.
इस परीक्षण से नौसेना ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है. भारतीय नौसेना ने पश्चिमी हिंद महासागर में परीक्षण किया है. यह लोकेशन उसी जगह के पास जहां पाकिस्तान मिसाइल परीक्षण/फायरिंग करने वाला है.
दरअसल, पाकिस्तान की नौसेना अरब सागर में अभ्यास कर रही थी. इस बीच भारत भी मिसाइल फायर अभ्यास कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले बिहार के मधुबनी से संदेश दिया था कि भारत आतंकियों को ढूंढ़ने और उनके सरपरस्तों को कड़ी सजा देने के लिए पूरी ताकत लगाएगा. इस संदेश के कुछ ही घंटों के भीतर नौसेना ने मिसाइलें दाग दीं.
भारतीय खुफिया और रक्षा एजेंसियां सतर्क
पाकिस्तान के मिसाइल परीक्षण को लेकर भारतीय खुफिया और रक्षा एजेंसियां पहले से ही पूरी तरह सतर्क हैं और हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रही हैं. भारतीय नौसेना की यह हालिया उपलब्धि ना सिर्फ तकनीकी दृष्टि से अहम है, बल्कि यह एक रणनीतिक संतुलन को भी दिखाती है.
इस परीक्षण के जरिए भारत ने साफ कर दिया है कि वह हिंद महासागर क्षेत्र में किसी भी गतिविधि को नजरअंदाज नहीं करेगा. चाहे वो पाकिस्तान का परीक्षण हो या किसी और देश की गतिविधि, भारत की निगाहें हर दिशा में हैं.
पाकिस्तान को दिया कड़ा संदेश
कूटनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, इस तरह भारत ने पाकिस्तानी नौसेना के अभ्यास का जवाबी संदेश दिया. दरअसल, अरब सागर पर अपनी ताकत जताने के लिए सबसे पहले पाकिस्तान ने यह अभ्यास शुरू किया था.
भारत को यह संदेश देने की कोशिश की गई कि उसने अरब सागर में पाकिस्तानी नौसेना को तैयार रखा है, लेकिन भारतीय नौसेना ने व्यावहारिक तौर पर यह साफ कर दिया कि अगर उन्होंने हमला किया तो जवाब में भारत चुप नहीं बैठेगा और इसीलिए INS सूरत से एक के बाद एक मिसाइलें दागी गईं. दूसरे शब्दों में नौसेना यह स्पष्ट करने की कोशिश कर रही है कि वे भारतीय जल सीमा में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं.