अमरनाथ यात्रा में शामिल होने आईं महिला श्रद्धालुओं को बुधवार को टोकन वितरण में अव्यवस्था का सामना करना पड़ा। जम्मू के सरस्वती धाम केंद्र के बाहर करीब 1,500 महिलाएं टोकन के इंतजार में एकत्र हुईं, लेकिन व्यवस्था सुचारू न होने के कारण उन्हें पर्चियां नहीं मिल सकीं।
कई महिलाएं अपने जत्थों के साथ मंगलवार रात से ही बालटाल और पहलगाम रूट के लिए निर्धारित केंद्रों के बाहर डटी रहीं। सुबह होते-होते सड़क पर महिलाओं की भीड़ बढ़ती गई। इसी दौरान धक्का-मुक्की के कारण एक महिला को हाथ में गंभीर चोट लग गई। महिलाओं ने आरोप लगाया कि वे दो दिनों से जम्मू में रुकी हुई हैं, लेकिन टोकन नहीं मिलने से वे अपनी यात्रा जारी नहीं कर पा रहीं।
श्रद्धालुओं ने जताई नाराजगी
झारखंड से आई अनीता देवी ने बताया कि यह उनकी पहली अमरनाथ यात्रा है, लेकिन टोकन मिलने में हो रही देरी से वह निराश हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भगवान शिव के प्रति उनकी आस्था अडिग है और वे यात्रा जरूर पूरी करेंगी। मेरठ की हेमलता ने कहा कि प्रशासन को व्यवस्थाएं और मजबूत करनी चाहिए थीं ताकि श्रद्धालुओं को ऐसी परेशानी न हो।
दिव्यांगों के लिए नहीं कोई विशेष सुविधा
उत्तर प्रदेश के पिलखुआ से आईं पिंकी ने बताया कि वे 50 प्रतिशत दिव्यांग हैं और मंगलवार शाम चार बजे से कतार में लगी हुई थीं। रात के समय हुई धक्का-मुक्की में उन्हें हल्की चोट आई, लेकिन प्रशासन ने उनकी कोई सुध नहीं ली। उन्होंने बताया कि दिव्यांग यात्रियों के लिए न तो अलग सुविधा है और न ही कोई प्राथमिकता दी जा रही है।
भीड़ और धक्का-मुक्की से घायल
मध्य प्रदेश के खरगोन की सावित्री देवी ने कहा कि वह दो दिनों से टोकन के लिए चक्कर काट रही हैं लेकिन अब तक कुछ हासिल नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि भगदड़ के दौरान उनके हाथ में गंभीर चोट लगी है, जिससे वे बहुत व्यथित हैं।
महिला यात्रियों की अनदेखी
कोलकाता के हुगली जिले से आईं सोनाबाग चौधरी ने आरोप लगाया कि टोकन वितरण की प्रक्रिया में महिलाओं के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि वे मंगलवार को केंद्र में दाखिल हो गई थीं, लेकिन दस्तावेज पूरे होने के बावजूद उन्हें बाहर भेज दिया गया।