श्रीनगर/गुरेज, 2 दिसंबर: जम्मू-कश्मीर के गुरेज घाटी के बगटोर सेक्टर में एलओसी के बेहद करीब पिछले पांच दिनों से लगी भीषण जंगल आग ने बड़े वन क्षेत्र को राख कर दिया है। वन अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि आग बुझाने का अभियान अब अंतिम चरण में है और अधिकांश फायर लाइनें सुरक्षित कर ली गई हैं। हालांकि कुछ हिस्सों में अभी भी धुआं देखा जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, आग इस सप्ताह की शुरुआत में फॉरेस्ट कम्पार्टमेंट 32 में शुरू हुई थी। तेज हवाओं और सूखी झाड़ियों के कारण यह जल्दी ही आसपास के अन्य कम्पार्टमेंटों में फैल गई। प्रभावित क्षेत्र हिमालयी जैव-विविधता से भरपूर है, जिसमें छोटी झाड़ियां, औषधीय जड़ी-बूटियां और वन्यजीवों के आवास भी नष्ट हो गए हैं।

कठिन पर्वतीय इलाके और एलओसी के पास सुरक्षा संवेदनशीलता के चलते राहत कार्य चुनौतीपूर्ण रहे। अंधेरे के समय सभी अभियान रोक दिए जाते हैं और सुबह ही फिर शुरू किए जाते हैं। ढलानों तक कोई मोटर योग्य सड़क न होने के कारण फायर टेंडर या मशीनरी नहीं पहुंचाई जा सकी। वन अधिकारी जावेद इकबाल ने बताया कि वन विभाग, सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और स्थानीय नागरिक मिलकर आग को जंगल की गहराई में फैलने से रोकने में जुटे हैं।

दूसरी ओर, दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के केलर बेल्ट के चौवान क्षेत्र में भी सोमवार को जंगल में आग लगी। वन विभाग, पुलिस और दमकल की टीमों ने आबादी वाले क्षेत्रों तक आग फैलने से रोकने के लिए तुरंत अभियान शुरू किया। अधिकारीयों ने बताया कि आग सूखी झाड़ियों और गिरी पत्तियों की वजह से फैल गई।

इसी दिन श्रीनगर के हब्बा कदल इलाके में एक तीन मंजिला घर में आग लग गई, जिसमें दो दमकलकर्मी झुलस गए। फायर सर्विस को सुबह 11:46 बजे कॉल मिली और टीमों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। दमकलकर्मी अजय और मनोज को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। आग लगने का कारण अभी स्पष्ट नहीं है और जांच जारी है।

वन अधिकारी और सुरक्षा बल स्थानीय लोगों के सहयोग से आग को फैलने से रोकने में लगातार जुटे हुए हैं, ताकि आगे कोई और नुकसान न हो।