ईरान-इस्राइल तनाव के बीच राहत: 90 कश्मीरी छात्र आर्मेनिया से आज लौटेंगे भारत

ईरान और इस्राइल के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच, भारतीय दूतावास ने सोमवार को 600 से अधिक भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया। इनमें उर्मिया विश्वविद्यालय के 110 छात्रों को आर्मेनिया भेजा गया, जिनमें 90 छात्र कश्मीर से हैं। मंगलवार को ये सभी छात्र आर्मेनिया की राजधानी येरेवन पहुंच गए और बुधवार को इन्हें विशेष उड़ान के माध्यम से दिल्ली लाया जाएगा। इस बीच उनके परिजन बेसब्री से अपने बच्चों की सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रहे हैं। बाकी छात्रों को भी निकालने की प्रक्रिया जारी है।

छात्रों ने पार की ईरान-आर्मेनिया सीमा, येरेवन में सुरक्षित

जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नासिर खुएहामी ने जानकारी दी कि सभी छात्र जो ईरान-आर्मेनिया सीमा पार कर चुके हैं, अब येरेवन में सुरक्षित हैं और उन्हें निर्धारित होटलों में ठहराया गया है। दिल्ली के लिए उनकी फ्लाइट बुधवार को निर्धारित है। भारतीय अधिकारियों द्वारा सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं, जिससे उनके परिजनों को बड़ी राहत मिली है।

तेहरान की यूनिवर्सिटियों से भी हुआ छात्रों का स्थानांतरण

भारतीय दूतावास ने सोमवार को तेहरान स्थित प्रमुख संस्थानों – तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, इस्लामिक आज़ाद यूनिवर्सिटी और ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज – से भी भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्थानों की ओर भेजा। शहीद बेहेश्टी यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को कोम शहर की ओर रवाना किया गया।

मंगलवार को शिराज और इस्फ़हान की यूनिवर्सिटियों के छात्रों को निकालने की प्रक्रिया जारी रही। वहीं, अराक विश्वविद्यालय से भारतीय छात्रों को निकालने में भी दूतावास सहयोग कर रहा है। छात्रों को सतर्क रहने और आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लेने की सलाह दी गई है।

भारत ने आर्मेनिया के साथ मिलकर की निकासी की व्यवस्था

छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए भारत ने आर्मेनिया के राजदूत से बातचीत की है। ईरान की नॉरदुज सीमा चौकी से छात्रों को बसों के माध्यम से निकाला गया। ईरान में लगभग 10,000 भारतीय नागरिक फंसे हैं, जिनमें करीब 1,500 कश्मीरी छात्र शामिल हैं। ईरानी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जबकि हवाई मार्ग अस्थायी रूप से बाधित हैं, जमीनी सीमाएं अभी भी खुली हैं। छात्रों को देश छोड़ने से पहले आवश्यक जानकारी ईरान के जनरल प्रोटोकॉल विभाग को उपलब्ध करानी होती है।

निकासी के लिए आर्मेनिया बना पहली पसंद

ईरान की सीमाएं सात देशों से लगती हैं, लेकिन आर्मेनिया के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंध, राजनीतिक स्थिरता, और यह तथ्य कि वहां का हवाई अड्डा सक्रिय है, इसे सुरक्षित निकासी के लिए उपयुक्त बनाते हैं। आर्मेनिया ईरान के प्रमुख शहरों के करीब है और भारत के साथ रक्षा सहयोग भी साझा करता है। यही कारण है कि भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए प्राथमिकता के रूप में आर्मेनिया को चुना गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here