उत्तर प्रदेश में शहरों के नाम बदलने की तर्ज पर अब झारखंड सरकार ने भी एक विश्वविद्यालय का नाम बदलने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 8 मई को हुई कैबिनेट बैठक में राजधानी रांची स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम बदलकर वीर बुधु भगत विश्वविद्यालय रखने की मंजूरी दी गई।
नाम बदलने पर सियासी घमासान
सरकार के इस फैसले के बाद राज्य में सियासी बवाल मच गया है। झारखंड बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि मुख्यमंत्री वास्तव में वीर बुधु भगत का सम्मान करना चाहते हैं, तो पहले शिबू सोरेन के नाम वाले पुल का नाम बदलकर वीर बुधु भगत पुल कर दें।
BJP ने लगाया परिवारवाद का आरोप
बीजेपी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) पर परिवारवाद का आरोप लगाया है। अजय साह ने कहा कि जब मयूराक्षी नदी पर राज्य का सबसे बड़ा पुल बना, तो उसका नाम वीर नायक बाबा तिलका मांझी के नाम पर न रखकर शिबू सोरेन के नाम पर रखा गया। इसके अलावा, गरीब परिवारों को मिलने वाली धोती-साड़ी योजना का नाम भी मुख्यमंत्री ने अपने दादा-दादी (सोना- सोबरन) के नाम से जोड़ दिया, जबकि इसे किसी आदिवासी नायक के नाम से जोड़ा जा सकता था।
JMM का पलटवार
वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने इस फैसले का स्वागत किया है। पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि वीर बुधु भगत को सम्मान देने के लिए यह निर्णय सराहनीय है। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू को साहसिक कदम उठाने के लिए धन्यवाद दिया।
राजनीतिक बयानबाजी जारी
बीजेपी ने नाम बदलने के फैसले को राजनीतिक नौटंकी करार देते हुए कहा कि ऐसे समय में जब देश पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपना रहा है, राज्य सरकार का यह कदम राष्ट्रीय भावना के विपरीत है। JMM ने इसे आदिवासी नायकों को सम्मान देने का प्रयास बताया है।