मध्य प्रदेश के शिवपुरी ज़िले के कोलारस क्षेत्र में बुधवार रात से जारी भारी बारिश के कारण गुंजारी नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। नदी के उफान पर आने से आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। पानी की तेज रफ्तार ने कई जगह नालों पर बने पुलों को बहा दिया है, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। निचले इलाकों में स्थिति और गंभीर है, जहां पानी घरों और स्कूलों तक पहुंच चुका है। हालात चिंताजनक होने के बावजूद अब तक न तो कोई राहत कार्य शुरू किया गया है और न ही नुकसान का कोई आधिकारिक आंकलन सामने आया है।
मोहरा-सरजापुर मार्ग पर पुल बहा, स्कूल जलमग्न
कोलारस के मोहरा गांव में गुंजारी नदी के तेज बहाव से मोहरा-सरजापुर को जोड़ने वाला पुल पानी में बह गया, जिससे स्थानीय लोगों की आवाजाही ठप हो गई है। वहीं, गांव का सरकारी स्कूल भी जलभराव की चपेट में आ गया है। घुटनों तक पानी भर जाने से स्कूल का परिसर किसी स्वीमिंग पूल जैसा नजर आ रहा है। स्कूल भवन के अंदर तक पानी घुसने के कारण गुरुवार को शिक्षण कार्य बंद रहा। चंदौरिया गांव में भी एक लकड़ी का पुल बह गया, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
चनैनी में 25 साल बाद फिर पहुंचा पानी घरों तक
चनैनी गांव में बारिश का पानी इस बार घरों के भीतर तक घुस आया। ग्रामीणों के मुताबिक, पिछले 25 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है जब नदी का पानी इस हद तक गांव में प्रवेश कर गया है। इस बारिश ने न केवल घरों को प्रभावित किया बल्कि खेतों की फसलें और उपयोगी घरेलू सामान भी खराब हो गया है, जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
पुलिया बहने से एंबुलेंस भी फंसी, मरीज को कंधे पर ले जाना पड़ा
कोलारस से पहाड़ा, सिंगारपुर, बछौरया और सुनाजपुर जैसे गांवों को जोड़ने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी पुलिया भी सिंगारपुर के पास बह गई। इससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि बछौरया गांव में एक मरीज को छोड़ने आई एंबुलेंस पुलिया टूटने के कारण गांव में प्रवेश नहीं कर सकी। मजबूरन परिजनों को मरीज को कंधे पर बैठाकर गांव तक लाना पड़ा। अब इन गांवों के निवासियों को वैकल्पिक मार्ग से होकर कोलारस पहुंचना पड़ेगा।