पति बना प्रेम संबंधों की राह का रोड़ा, पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर करवाई हत्या

इंदौर के चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड के बीच जबलपुर से भी एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। प्रेम संबंधों में बाधा बन रहे पति की हत्या के मामले में जबलपुर की एससी-एसटी विशेष अदालत ने पत्नी और उसके दो साथियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश गिरीश दीक्षित ने 27 जून 2025 को सुनाया।

थाना मझगवां क्षेत्र के इस मामले में दोषियों में मृतक की पत्नी मनीषा उर्फ साधना चौधरी, उसके प्रेमी धर्मेंद्र उर्फ धिन्नु पटेल और सहयोगी अमित उर्फ चालीसा पटेल शामिल हैं। कोर्ट ने तीनों को हत्या, साजिश और साक्ष्य मिटाने के आरोपों में दोषी पाते हुए कठोर दंड दिया है।

क्या था मामला?

24 सितंबर 2022 को राजमिस्त्री का कार्य करने वाले आशीष चौधरी अपने गांव कुम्ही बाजार गया था, लेकिन देर रात तक वापस नहीं लौटा। अगली सुबह उसका शव गांव कूर बाबा भटिया के पास खून से लथपथ हालत में बरामद हुआ। शव के पास उसकी बाइक भी मिली, जबकि गले में गमछा और सिर पर गंभीर चोटें थीं।

घटना की सूचना मिलने पर मृतक के चाचा जय कुमार चौधरी ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच के दौरान सामने आया कि मृतक को आखिरी बार आरोपी धर्मेंद्र और अमित के साथ देखा गया था। शक के आधार पर पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया और पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ।

हत्या का खुलासा

पूछताछ में धर्मेंद्र ने बताया कि उसके मृतक की पत्नी मनीषा से नाजायज संबंध थे, जिसका पता आशीष को चल गया था। पत्नी मनीषा ने प्रेमी धर्मेंद्र से पति को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। तय योजना के तहत आशीष को शराब के बहाने बुलाया गया, फिर सुनसान इलाके में ले जाकर पत्थर से हमला कर हत्या कर दी गई। घटना को दुर्घटना का रूप देने के लिए शव और बाइक को गड्ढे में फेंका गया और मोबाइल को नदी में बहा दिया गया।

अदालत का फैसला

थाना मझगवां के निरीक्षक लोकमन प्रसाद अहिरवार ने मामले की जांच की। पुलिस ने वैज्ञानिक साक्ष्य, डीएनए रिपोर्ट, जैविक नमूने और फिंगरप्रिंट जैसे सबूत अदालत में पेश किए।

इन सबके आधार पर अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए निम्नलिखित सजा सुनाई:

  • धारा 302 (हत्या) – आजीवन कारावास और ₹1000 जुर्माना
  • धारा 120B (षड्यंत्र) – आजीवन कारावास और ₹1000 जुर्माना
  • धारा 201 (साक्ष्य मिटाना) – धर्मेंद्र और अमित को 3 साल सश्रम कारावास और ₹1000 जुर्माना
  • SC-ST एक्ट की धारा 3(2)(5) – धर्मेंद्र को आजीवन कारावास और ₹1000 अर्थदंड

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