भोपाल। मध्यप्रदेश की लाड़ली बहना योजना से जुड़ी महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद से योजना के अंतर्गत मिलने वाली मासिक आर्थिक सहायता को बढ़ाया जाएगा। अब प्रदेश की लाभार्थी महिलाओं को हर महीने 1,250 रुपये की जगह 1,500 रुपये की सहायता राशि मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को महिला सशक्तिकरण एवं आदिवासी गौरव सम्मेलन में यह घोषणा करते हुए बताया कि इस योजना से 1.27 करोड़ से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। सरकार ने महिलाओं के लिए कुल 27,147 करोड़ रुपये का बजट तय किया है, जिसमें लाड़ली बहना योजना के तहत 18,699 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
रक्षाबंधन और दिवाली पर खास सौगात
सीएम मोहन यादव ने यह भी बताया कि रक्षाबंधन के अवसर पर लाभार्थी महिलाओं को 250 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। यानी इस त्योहारी सीजन में उन्हें कुल 1,500 रुपये की सहायता राशि प्राप्त होगी। दिवाली के बाद यही राशि हर महीने स्थायी रूप से दी जाएगी।
लाड़ली लक्ष्मी योजना से भी लाभ
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि लाड़ली लक्ष्मी योजना के माध्यम से अब तक 51 लाख बेटियों को 672 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा चुकी है।
योजना की शुरुआत और विकास
लाड़ली बहना योजना की शुरुआत 10 जून 2023 को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई थी। तब महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये देने की व्यवस्था थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 1,250 रुपये किया गया। अब एक बार फिर इस राशि को बढ़ाकर 1,500 रुपये किया जा रहा है।
यह योजना 2023 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को मिली सफलता का एक प्रमुख कारण मानी गई थी। अब मुख्यमंत्री ने वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत 9,000 से अधिक आदिवासी परिवारों को भूमि अधिकार दिए जाने की जानकारी भी दी, साथ ही महिलाओं को आगामी चुनावों में 33 प्रतिशत आरक्षण देने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
महत्वपूर्ण तथ्य संक्षेप में
- वर्तमान में महिलाओं को हर माह ₹1,250 की सहायता मिल रही है।
- दिवाली के बाद यह राशि बढ़ाकर ₹1,500 प्रति माह कर दी जाएगी।
- योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
- शुरुआत मई 2023 में शिवराज सरकार द्वारा की गई थी।
- 21 से 60 वर्ष की विवाहित महिलाएं योजना की पात्र हैं।
- पहली किस्त 10 जून 2023 को जारी की गई थी।
- रक्षाबंधन पर अतिरिक्त ₹250 दिए जाएंगे।
- योजना से सालाना ₹15,000 तक की सहायता महिलाओं को मिलती रही है।