राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच में जुटी विशेष जांच टीम (SIT) को बड़ी सफलता मिली है। टीम ने आरोपी ब्रोकर सिलोम जेम्स के रतलाम स्थित ससुराल से मृतक राजा रघुवंशी और सोनम के गहनों के साथ लैपटॉप, पेन ड्राइव और कुछ अहम दस्तावेज जब्त किए हैं।
हत्या के 37 दिन बाद SIT को यह सबसे अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं। रविवार को महालक्ष्मी नगर निवासी सिलोम जेम्स को टीम रतलाम की मंगलमूर्ति कॉलोनी स्थित उसके ससुर मनोज गुप्ता के घर लेकर पहुंची थी। मनोज गुप्ता म्यूचुअल फंड एडवाइजर हैं।
रतलाम में दबिश, SIT ने किया सामान जब्त
SIT सदस्य एंथनी खोंगसिट और करण पचुआ ने रतलाम पुलिस के सहयोग से कार्रवाई की। करीब आधे घंटे की तलाशी के दौरान टीम को एक लैपटॉप, पेन ड्राइव, आपत्तिजनक दस्तावेज और सोने के गहने मिले, जिन्हें जब्त कर लिया गया। SIT के अनुसार, ये गहने राजा रघुवंशी और सोनम के हैं, जिन्हें सिलोम ने हीराबाग स्थित फ्लैट से निकालकर ससुराल में छिपा दिया था।
गहनों की तलाश में जुटी थी SIT
टीम लंबे समय से इन सामानों की तलाश कर रही थी। हत्या के बाद सोनम 30 मई को हीराबाग स्थित फ्लैट में रुकी थी, जिसे ग्वालियर के ठेकेदार लोकेंद्र तोमर की इमारत में विक्की के माध्यम से किराए पर लिया गया था। सोनम को 8 जून को गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) से गिरफ्तार किया गया था।
फ्लैट से सामान निकालने की योजना
10 जून को लोकेंद्र और सिलोम ने चौकीदार बलवीर अहिरवार की मदद से फ्लैट से सामान हटाया। एक बैग सिलोम ने जला दिया, पिस्टल को पलासिया के नाले में फेंक दिया और गहनों तथा इलेक्ट्रॉनिक सामान को अपने ससुराल में छिपा दिया। पूछताछ के दौरान सिलोम लगातार गुमराह करता रहा, कभी लोकेंद्र का नाम लेता तो कभी कहता कि सामान नष्ट कर दिया।
पूछताछ में उगला राज
शनिवार को SIT ने अचानक इंदौर पहुंचकर सिलोम से उसके घर में गहन पूछताछ की, जिसमें उसकी पत्नी सोनाली भी मौजूद थी। पूछताछ के दबाव में सिलोम ने सारा सच कबूल किया और बताया कि उसने सामान रतलाम में छिपाया है। इसके बाद रविवार को टीम ने वहां से सभी वस्तुएं जब्त कीं।
कार्रवाई के दौरान सोनाली और उसकी बहन भी मौजूद थीं, जबकि मकान पिछले दस दिनों से बंद था। मकान मालिक मनोज गुप्ता और उनके परिजन मौके पर मौजूद नहीं थे। पुलिस ने संपूर्ण कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी करवाई है।