महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और भाजपा नेता आशीष शेलार ने रविवार को राज्य में भाषा के आधार पर हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर पर्यटकों को निशाना बनाया था, वैसी ही प्रवृत्ति अब महाराष्ट्र में भाषा को लेकर देखी जा रही है, जो अत्यंत चिंताजनक है।
भायंदर में हाल ही में एक दुकानदार की कथित पिटाई का मामला सामने आया था, जिसमें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं द्वारा दुकानदार पर मराठी में बात न करने को लेकर हमला किया गया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से वायरल हुआ, जिसके बाद पुलिस ने सात मनसे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और नोटिस देकर छोड़ दिया।
भाजपा नेता शेलार ने कहा कि मराठी उनके लिए कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह राज्य की आत्मा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा मराठी लोगों की अस्मिता की रक्षा के साथ-साथ राज्य में निवास कर रहे गैर-मराठी समुदाय की सुरक्षा को भी समान प्राथमिकता देती है।
‘कुछ नेता हिंदुओं पर हमले का मौन समर्थन कर रहे’
शेलार ने बिना किसी का नाम लिए यह भी आरोप लगाया कि कुछ नेता, जो स्वयं हिंदू होने का दावा करते हैं, अन्य हिंदुओं पर हो रहे हमलों को देखकर चुपचाप आनंद ले रहे हैं। उन्होंने राज्य में बढ़ती असहिष्णुता को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
वर्ली में निवेशक पर हमला, पांच मनसे समर्थक गिरफ्तार
मुंबई के वर्ली क्षेत्र में शनिवार को एक निवेशक सुशील केडिया के कार्यालय में घुसकर हमला किए जाने के मामले में मनसे से जुड़े पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के अनुसार, केडिया ने सोशल मीडिया पर मराठी भाषा सीखने से इनकार करते हुए मनसे प्रमुख राज ठाकरे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद यह घटना हुई। बाद में उन्होंने अपने बयान के लिए खेद जताया और राज ठाकरे की सराहना करते हुए सफाई दी।
इस मामले में भाजपा के मंत्री नितेश राणे और शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता प्रताप सरनाइक ने भी प्रतिक्रिया दी है। राणे ने इसे हिंदुओं पर हमला बताया, वहीं सरनाइक ने कहा कि मराठी किसी एक दल की बपौती नहीं है।