महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर जारी विवाद अब राजनीतिक रंग लेने लगा है। यह बहस अब सिर्फ सड़कों तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि इस पर भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता और गायक दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वह भोजपुरी भाषा बोलते हैं और कोई चाहे तो उन्हें महाराष्ट्र से निकाल कर दिखाए।
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को चुनौती
निरहुआ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे मराठी नहीं, बल्कि भोजपुरी में बात करते हैं और महाराष्ट्र में रहते हैं। उन्होंने ठाकरे बंधुओं – राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे – को ललकारते हुए कहा कि अगर किसी में साहस है तो उन्हें महाराष्ट्र से बाहर निकाल कर दिखाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाषा के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश की जा रही है, जो केवल सस्ती राजनीति का हिस्सा है।
मनसे नेता का जवाब
निरहुआ की चुनौती के जवाब में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के एक नेता ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अगर दिनेश लाल यादव में हिम्मत है, तो वे महाराष्ट्र का दौरा करें और खुद देखें कि मराठी भाषा और संस्कृति का कितना सम्मान किया जाता है।
‘भाषाओं की विविधता ही भारत की ताकत’
दिनेश लाल यादव ने कहा, “मैं देश में भाषाई विविधता को भारत की सुंदरता मानता हूं। अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले लोग वर्षों से एक साथ सौहार्दपूर्ण जीवन जीते आए हैं। लेकिन अब कुछ लोग इस विविधता को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।”
घटनाएं जो बढ़ा रहीं हैं तनाव
महाराष्ट्र में हाल के दिनों में भाषा को लेकर टकराव की कई घटनाएं सामने आई हैं। मुंबई के पास एक दुकानदार की केवल इसलिए पिटाई की गई क्योंकि वह मराठी में बात नहीं कर रहा था। वहीं, एक अन्य मामले में निवेशक सुशील केडिया के कार्यालय में तोड़फोड़ की गई, क्योंकि उन्होंने मराठी न बोलने की बात कही थी।