ठाणे में हुई रेल दुर्घटना के बाद सियासी प्रतिक्रिया शुरू हो गई है। दो लोकल ट्रेनों से गिरने की घटना में चार यात्रियों की मौत हो गई जबकि नौ अन्य घायल हो गए। इस मामले पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने विवादित बयान देते हुए मुंबई में दूसरी राज्यों से आए प्रवासियों को रेलवे व्यवस्था के बिगड़ने का जिम्मेदार बताया।
राज ठाकरे ने भीड़ को देखते हुए लोकल ट्रेनों में अपने आप बंद होने वाले दरवाजों की व्यवस्था की आवश्यकता पर भी सवाल उठाए। इसके विपरीत, नेशनलिस्ट कॉन्ग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार ने मध्य रेलवे प्रशासन से भीड़भाड़ के मद्देनजर लोकल ट्रेनों में स्वचालित दरवाजे लगाने की मांग की है।
चुनाव प्रचार में लगे हैं नेता
पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि मुंबई में बढ़ती प्रवासी आबादी के कारण रेलवे व्यवस्था गंभीर संकट में है, लेकिन इसके बावजूद नेता चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं।
शहरों की बदतर हालत पर जताई चिंता
उन्होंने कहा कि लोकल ट्रेन हादसे रोजाना हो रहे हैं, जो केवल रेलवे का मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे शहरों की खराब हालत का संकेत है। राज ठाकरे ने कहा कि सड़कें भी ठीक स्थिति में नहीं हैं और मुंबई, पुणे जैसे शहरों में ट्रैफिक जाम आम समस्या बन गई है। इसके अलावा, अगर कहीं आग लगती है तो फायर ब्रिगेड भी समय पर नहीं पहुंच पाती।
गठबंधन सवालों को किया टाल
हाल ही में मनसे और शिवसेना (यूबीटी) के बीच संभावित गठबंधन पर सवाल पूछे जाने पर राज ठाकरे ने बातचीत टालते हुए कहा कि मीडिया को इन राजनीतिक अटकलों से ज्यादा रेल दुर्घटनाओं की गंभीरता पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने पूछा कि क्या दिवा और कोपर के बीच रेल मार्ग नया है और क्या स्वचालित दरवाजे लगाना संभव है। साथ ही उन्होंने मंत्रियों के विदेश दौरों के नतीजों पर भी कटाक्ष किया।
हादसे का कारण: यात्रियों के बैग की टक्कर
जानकारी के अनुसार, यह हादसा दिवा और कोपर रेलवे स्टेशनों के बीच हुआ, जहाँ दो लोकल ट्रेनें एक-दूसरे के विपरीत दिशा में चल रही थीं। ट्रेन के दरवाजे पर खड़े यात्रियों के बैग आपस में टकरा गए, जिससे कुछ यात्री पटरियों पर गिर गए। इस हादसे में चार लोगों की मौत हुई और नौ अन्य घायल हुए।
मृतकों के परिवारों को मुआवजा और घायलों का मुफ्त इलाज
महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने बताया कि राज्य सरकार मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देगी। इसके अलावा, घायलों का सभी चिकित्सा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी और उन्हें बेहतर इलाज मुहैया कराया जाएगा।