बंगलूरू के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुए भगदड़ कांड में 11 लोगों की मौत और 50 से ज्यादा घायल होने के बाद कर्नाटक सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि इस घटना के मद्देनज़र कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
निलंबन की कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कब्बन पार्क थाने के इंस्पेक्टर, स्टेशन हाउस मास्टर और स्टेशन हाउस ऑफिसर समेत सेंट्रल डिवीजन के एसीपी, डीसीपी, स्टेडियम प्रभारी, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और पुलिस कमिश्नर को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
जांच आयोग का गठन और गिरफ्तारी के आदेश
घटना की जांच के लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश माइकल डी’कुन्हा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग गठित किया गया है, जिसे 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपनी है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बताया कि इवेंट आयोजक डीएनए नेटवर्क्स, केएससीए और आरसीबी के प्रतिनिधियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए गए हैं।
राजनीतिक विवाद भी गर्माया
इस हादसे को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं। राज्य के गृहमंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने किसी भी तरह का कार्यक्रम आयोजित नहीं किया था और न ही आरसीबी को आमंत्रित किया गया था। उन्होंने कहा कि टीम और आयोजक अपनी मर्जी से कार्यक्रम के लिए बंगलूरू आए थे। इस बीच विपक्षी दलों, खासकर भाजपा, ने राज्य सरकार पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं, यह दावा करते हुए कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच मतभेदों के कारण सुरक्षा प्रबंधों में चूक हुई।
घटना का विवरण
यह हादसा 4 जून को तब हुआ जब आईपीएल में आरसीबी की पहली जीत का जश्न मनाने के लिए स्टेडियम के बाहर भारी संख्या में प्रशंसक जमा हुए। भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई और कई दर्जन लोग घायल हो गए।
आरसीबी का सहायता एलान
आरसीबी फ्रेंचाइजी ने इस त्रासदी पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का एलान किया है। इसके अलावा, घायल प्रशंसकों की मदद के लिए ‘आरसीबी केयर्स’ नामक राहत कोष भी स्थापित किया गया है।