पंजाब के पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को मोहाली की जिला अदालत ने सात दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। मजीठिया को विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने कोर्ट में पेश किया, जहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। अकाली दल के समर्थक उनकी गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।
540 करोड़ रुपये की ड्रग मनी और संपत्ति जांच का मामला
मजीठिया को बुधवार को विजिलेंस टीम ने हिरासत में लिया। यह कार्रवाई कथित तौर पर 540 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति और नशीले पदार्थों के धन की हेराफेरी से जुड़े मामले में हुई। इससे पहले उनके चंडीगढ़ स्थित निवास और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की गई थी।
25 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी
राज्य के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने जानकारी दी कि पंजाब के विभिन्न जिलों, खासकर अमृतसर में 9 स्थानों और कुल मिलाकर 25 स्थानों पर छापे मारे गए। इनमें मजीठिया से जुड़े स्थान भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि यह मामला पिछली सरकारों के समय का है, जिसमें कई नशा तस्करों की गिरफ्तारी के दौरान मजीठिया का नाम सामने आया था, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
मजीठिया की पत्नी का बयान
बिक्रम मजीठिया की पत्नी और विधायक गनीव कौर मजीठिया ने छापेमारी को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि उनके पति पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है, लेकिन पुलिस बिना किसी पूर्व सूचना या दस्तावेज के उनके अमृतसर और चंडीगढ़ स्थित आवास में दाखिल हो गई।
गनीव कौर ने कहा, “30-35 अधिकारी हमारे घर में घुस आए, किसी प्रकार की कानूनी जानकारी नहीं दी गई। वे सीधे हमारे निजी सामान की जांच करने लगे। हमने संवाद की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। यह लड़ाई हमने पहले भी लड़ी है और आगे भी लड़ते रहेंगे।”