पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और जालंधर से कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उनके खिलाफ दाखिल चुनावी याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका जालंधर निवासी और भाजपा नेता व अधिवक्ता गौरव लूथरा द्वारा दायर की गई थी।
क्या थे आरोप?
याचिकाकर्ता गौरव लूथरा ने आरोप लगाया था कि चरणजीत चन्नी ने नामांकन के दौरान चुनाव आयोग को गलत जानकारी दी और अपने चुनावी खर्च का पूरा विवरण प्रस्तुत नहीं किया। इसके अलावा, उन्होंने बिना अनुमति के कई चुनावी सभाएं आयोजित कीं, जिनकी न तो पूर्व अनुमति ली गई थी और न ही चुनाव आयोग ने इस पर कोई कार्रवाई की।
कानूनी आधार और याचिका की मांग
लूथरा ने जनप्रतिनिधित्व कानून का हवाला देते हुए हाईकोर्ट से मांग की थी कि चन्नी का चुनाव अमान्य घोषित किया जाए। याचिका में दावा किया गया था कि चन्नी ने अपने हलफनामे में कई जानकारियां छिपाईं और खर्च की पारदर्शिता नहीं बरती।
चन्नी के पक्ष की दलीलें
मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान चरणजीत सिंह चन्नी की ओर से पेश वकील ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि याचिका में लगाए गए आरोप निराधार और तथ्यों से परे हैं। वकील ने यह भी बताया कि याचिकाकर्ता स्वयं कई बार अदालत में उपस्थित नहीं हुआ।
हाईकोर्ट का फैसला
सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिका को आधारहीन मानते हुए खारिज कर दिया, जिससे चरणजीत सिंह चन्नी को बड़ी राहत मिली है।