केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात कर राजस्थान के झुंझुनू, सीकर और चुरू जिलों में पानी की समस्या पर चर्चा की। इस मुद्दे के समाधान के लिए यमुना जल समझौते पर राजस्थान और हरियाणा सरकार द्वारा गठित टास्क फोर्स की पहली संयुक्त बैठक 7 अप्रैल को हुई थी, जबकि दूसरी बैठक 25 अप्रैल को आयोजित की गई। जल्द ही डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करने के लिए एक सलाहकार की नियुक्ति होगी।
उपराष्ट्रपति की कोशिशें और किसानों की मांग
झुंझुनू उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का गृह क्षेत्र है और वे इस क्षेत्र की समस्याओं, विशेषकर किसानों की जल आपूर्ति से जुड़ी परेशानियों के समाधान के लिए लगातार प्रयासरत रहे हैं। हाल ही में, यमुना का पानी लाने की मांग को लेकर चिड़ावा के लाल चौक पर किसानों ने धरना प्रदर्शन भी किया।
परियोजना का महत्व
यह ऐतिहासिक परियोजना झुंझुनू, सीकर और चुरू जिलों में पेयजल संकट को दूर करने के लिए अहम है। उपराष्ट्रपति धनखड़ की कोशिशों से परियोजना को गति मिली है, जिससे इन क्षेत्रों में पानी की समस्या का समाधान होने की उम्मीद है।
यमुना जल समझौता और राजस्थान का हक
1994 में हुए जल समझौते के अनुसार, यमुना नदी के कुल 11,983 MCM जल में से राजस्थान को 1119 MCM जल का आवंटन हुआ था। लेकिन हथिनीकुंड बैराज से पानी परिवहन के लिए जरूरी संरचना न होने के कारण राजस्थान को अब तक यह पानी नहीं मिल पाया है।
संयुक्त प्रयास और आगामी योजना
फरवरी 2025 में राजस्थान और हरियाणा सरकार ने जल शक्ति मंत्रालय के साथ एक समझौता (MoU) किया। इस समझौते के तहत, हथिनीकुंड बैराज से राजस्थान तक भूमिगत पाइपलाइन से पानी लाने के लिए संयुक्त डीपीआर बनाने पर सहमति बनी।
बैठकों का आयोजन
समस्या के समाधान के लिए हरियाणा और राजस्थान की टास्क फोर्स की पहली बैठक 7 अप्रैल को यमुनानगर में हुई, जबकि दूसरी बैठक 25 अप्रैल को पलवल में आयोजित की गई। जल्द ही डीपीआर निर्माण के लिए सलाहकार नियुक्त किया जाएगा, ताकि जल संकट से जूझ रहे इन जिलों को राहत मिल सके।