अपनी ही पार्टी पर बरसे सांसद हरीशचंद्र मीणा, बोले– लोकतंत्र और संविधान संकट में

टोंक-सवाईमाधोपुर से भाजपा सांसद हरीशचंद्र मीणा ने पहली बार सार्वजनिक रूप से पार्टी लाइन से अलग रुख अपनाते हुए केंद्र की भाजपा सरकार और प्रदेश नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था और संविधान दोनों ही गंभीर खतरे से गुजर रहे हैं।

एक जनसभा में बोलते हुए मीणा ने आरोप लगाया कि भाजपा आम लोगों की नहीं, बल्कि पूंजीपतियों की पार्टी बन गई है, जो सत्ता में बने रहने के लिए समाज को जाति और धर्म के आधार पर बांटती है। उन्होंने कहा, “जनता समय रहते 400 पार के नारे से सचेत हो गई, वरना पार्टी संविधान में बदलाव की तैयारी कर रही थी।”

जातीय जनगणना पर राहुल गांधी के पक्ष में

सांसद मीणा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जातीय जनगणना के विचार का समर्थन करते हुए कहा कि मौजूदा जातियों की गणना जरूरी है ताकि विकास योजनाओं का लाभ वंचित समुदायों तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि यदि टोंक में भूमिहीनों को जमीन उपलब्ध करानी है, तो पहले उनकी पहचान आवश्यक है, जो केवल जातीय जनगणना से ही संभव है।

भाजपा की रणनीति पर उठाए सवाल

मीणा ने भाजपा की चुनावी रणनीतियों को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “2014 से अब तक पार्टी को 35% से अधिक वोट कभी नहीं मिले, लेकिन शेष 65% मतों को धर्म और जाति के नाम पर विभाजित कर सत्ता में बनी रहती है।” उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा मीडिया और सोशल मीडिया के सहारे जनमानस को भ्रमित करती है।

कांग्रेस पर जताया भरोसा

अपने संबोधन में सांसद ने कांग्रेस को स्वतंत्रता आंदोलन की वाहक पार्टी बताते हुए उस पर विश्वास जताया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के संरक्षण और देश के व्यापक हित के लिए अब लोगों को उस दल पर विश्वास करना होगा, जिसने देश को आजादी दिलाई थी।

हरीशचंद्र मीणा के इस बयान से राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है, खासकर तब जब वह स्वयं सत्ताधारी दल के सांसद हैं।

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