कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और टोंक विधायक सचिन पायलट गुरुवार को अपने दो दिवसीय विधानसभा दौरे पर टोंक पहुंचे, जहां कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। अपने दौरे के दौरान उन्होंने बैरवा धर्मशाला में नए बने भवन का उद्घाटन किया और बंबोर व लवादर गांवों में धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लिया।
पहले दिन आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए पायलट ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे सिर्फ आतंकवाद नहीं बल्कि देश पर सीधे हमला करार दिया। पायलट ने बताया कि आतंकियों ने निर्दोष सैलानियों से नाम पता लेकर जानबूझकर हमला किया, जो पूरी तरह से योजनाबद्ध था। उन्होंने कहा कि देश की सीमा से 400 किलोमीटर भीतर घुसकर ऐसा हमला बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
पायलट ने जोर देते हुए कहा कि इस हमले का तुरंत जवाब देना आवश्यक है और फिलहाल चूक की बात बाद में की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी समेत पूरी पार्टी ने एकजुट होकर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की मांग की है।
देश की सुरक्षा के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को एकजुट रहने का आह्वान करते हुए पायलट ने कहा कि भले ही चुनावी मतभेद हों, लेकिन जब बात राष्ट्र की हो तो हर कोई एक साथ खड़ा होता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सेना किसी भी राजनीतिक या सामाजिक विचारधारा से ऊपर है और वह पूरे देश की अमानत है।
सचिन पायलट ने पहलगाम हमले के बाद शुरू हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और उसके बाद युद्धविराम के लिए अमेरिकी हस्तक्षेप पर भी सवाल उठाए। उन्होंने इसे संप्रभुता का उल्लंघन बताया और कहा कि यह भारत के लिए शर्म की बात है। पायलट ने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इसे व्यापारिक हितों के लिए बताया था, लेकिन भारत सरकार ने इस पर अब तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
1971 के युद्ध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय भारत ने पाकिस्तान की 95 हजार सैनिकों को बंदी बनाया था और तब पाकिस्तान को शांति के लिए मजबूर होना पड़ा था। जबकि अब हमारे सैनिक नौ आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करते हैं, तब अमेरिका युद्धविराम की घोषणा करता है, जो स्वीकार्य नहीं है।
पायलट ने संसद हमले का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय नेता प्रतिपक्ष सोनिया गांधी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का समर्थन किया था और ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सेना के साहस और बलिदान पर राजनीति करना गलत है।
पाकिस्तान की वर्तमान स्थिति पर टिप्पणी करते हुए पायलट ने कहा कि वहां की सरकार सेना और आईएसआई की कठपुतली बन चुकी है। उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में हैं और सत्ता अस्थिर है। ऐसे में भारत को साफ और कड़ा संदेश देना चाहिए कि वह किसी भी हाल में आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।
राजस्थान में पंचायतों और नगर निकायों के परिसीमन को लेकर भी पायलट ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह कार्य राजनीतिक स्वार्थ के तहत मनमाने ढंग से किया जा रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि जनता चुनाव में सच्चाई को समझकर कांग्रेस की सरकार बनाएगी।