अब्दुल्ला की बढ़ेंगी मुश्किलें या राहत: दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में आज आ सकता है फैसला

सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खां के दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट बुधवार को अपना फैसला सुना सकती है। लघु उद्योग प्रकोष्ठ के तत्कालीन क्षेत्रीय संयोजक एवं भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में गंज थाने में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाणपत्र होने का मामला दर्ज कराया था, जिसमें सपा नेता आजम खां और उनकी पत्नी डाॅ. तंजीन फात्मा को भी आरोपी बनाया गया था। 

पुलिस ने विवेचना के बाद मामले की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। तीनों ही लोग इस समय जमानत पर चल रहे हैं। मामला एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट में विचाराधीन है। 11 अक्तूबर को इस मुकदमे में अब्दुल्ला आजम के अधिवक्ताओं को बहस करनी थी, लेकिन उनके द्वारा कोर्ट में स्थगन प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला को आदेश दिया था कि वह 16 अक्तूबर तक लिखित बहस दाखिल कर सकते हैं।

इस फैसले के खिलाफ जिला जज की कोर्ट में रिवीजन दायर की गई थी, जिसे एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया था। मंगलवार को अब्दुल्ला आजम के अधिवक्ताओं ने लिखित बहस दाखिल की। इसके बाद कोर्ट में दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट अब बुधवार को मामले में अपना फैसला सुना सकती है।कोर्ट में अभियोजन और बचाव पक्ष की सुनवाई पूरी हो चुकी है। कोर्ट अब मामले में बुधवार को फैसला सुना सकता है। -अमरनाथ तिवारी, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी

दो जन्म प्रमाणपत्र का मामला हमने दर्ज कराया था। इस मामले में अब फैसला आना है। हमने कोर्ट में मजबूत साक्ष्य पेश किए हैं। हमें विश्वास है कि न्याय की जीत होगी। -आकाश सक्सेना, शहर विधायक
अब्दुल्ला आजम पूरी तरह से निर्दोष हैं। उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। उम्मीद है कि फैसला उनके पक्ष में आएगा। -जुबैर अहमद खां, अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट

आजम परिवार के केस ट्रांसफर करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज
अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र समेत आजम खां व उनके परिवार से जुड़े मुकदमों की उत्तर प्रदेश से बाहर सुनवाई कराने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसमें उन्होंने दो जन्म प्रमाणपत्र समेत अन्य केसों का हवाला देते हुए इन मामलों की सुनवाई यूपी से बाहर कराने की मांग रखी थी। याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पेश हुए। अभियोजन की ओर से एएसजी केएम नटराज व एएजी शरण देव ठाकुर समेत अन्य अधिवक्ता पेश हुए। भाजपा विधायक आकाश सक्सेना के अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद केस ट्रांसफर करने की मांग पर आधारित याचिका को खारिज कर दिया।

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