हवाई मार्ग बंद, ईरान में फंसे प्रयागराज के तीर्थयात्री और छात्र, परिजन चिंतित

ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते युद्ध जैसे हालात का असर अब भारत तक पहुंच गया है। प्रयागराज से धार्मिक यात्रा पर गए लगभग 200 तीर्थयात्री और इस्लामिक स्टडीज़ कर रहे लगभग 70 छात्र इस समय ईरान में फंसे हुए हैं। क्षेत्र में उड़ानों के स्थगित होने से उनकी वापसी फिलहाल संभव नहीं हो पा रही है। इस वजह से उनके परिजनों की चिंता बढ़ गई है और वे लगातार संपर्क साधने की कोशिश में लगे हैं।

इन तीर्थयात्रियों में दरियाबाद, करेली, रानीमंडी, नैनी, दांदूपुर, सैदपुर, कोराली, राले, हंडिया, बहादुरगंज, जीरो रोड चक और हनुमानगंज जैसे इलाकों के लोग शामिल हैं। हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु ईरान और इराक की जियारत पर जाते हैं। इस बार दरियाबाद से डॉ. कमर आब्दी के नेतृत्व में 98 और मौलाना इंतजार आब्दी के नेतृत्व में 42 श्रद्धालुओं का दल गया था, जिसमें महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल हैं।

इन यात्रियों ने पहले इराक में पवित्र स्थलों की जियारत की और फिर ईरान पहुंचे। लेकिन जब उनकी वापसी की तिथि करीब आई, उसी दिन इज़राइल ने ईरान पर हवाई हमला कर दिया, जिसके बाद ईरान ने हवाई यातायात अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया। डॉ. कमर आब्दी के अनुसार, 13 जून को उनकी वापसी निर्धारित थी, लेकिन हमला होते ही उड़ानें रोक दी गईं। सभी लोग फिलहाल कुम शहर में अस्थायी होटलों में सुरक्षित हैं और हालात सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं।

42 लोगों का दूसरा जत्था भी रुका

मौलाना इंतजार आब्दी के नेतृत्व वाला दूसरा जत्था भी इसी दौरान ईरान पहुंचा है। उनकी वापसी अगले सप्ताह निर्धारित थी। मौलाना के अनुसार, स्थानीय प्रशासन और होटल प्रबंधन श्रद्धालुओं की देखभाल कर रहे हैं, परंतु चिंता का माहौल जरूर है कि स्थिति कहीं लंबे समय तक न बिगड़ जाए।

करेली निवासी शमीम-फरजाना की भी थी वापसी की योजना

करेली के शमीम आलम और उनकी पत्नी फरजाना, बरेली के एक जत्थे के साथ ईरान पहुंचे थे। उनकी वापसी मंगलवार को निर्धारित थी, जो अब टल गई है। उनके परिजन बता रहे हैं कि दोनों कुम में सुरक्षित हैं और हवाई सेवाएं बहाल होने का इंतजार कर रहे हैं। परिवारजन घर पर लगातार दुआ कर रहे हैं कि सभी सकुशल भारत लौटें।

संपर्क में दिक्कत, बढ़ी चिंता

करेली निवासी डॉ. शाहीन जैदी और तबस्सुम जैदी भी जियारत के लिए ईरान में हैं। उनके भाई मो. आरिफ ने बताया कि रविवार तक बहनों से बात हो पाई थी, लेकिन सोमवार को संपर्क नहीं हो सका। व्हाट्सएप जैसे माध्यम ठीक से काम नहीं कर रहे और स्थानीय सिम न होने से परेशानी और बढ़ गई है।

मदरसों में पढ़ रहे करीब 70 छात्र भी फंसे

जियारत पर गए लोगों के अलावा प्रयागराज के लगभग 70 छात्र, जो इस्लामिक स्टडीज़ के लिए विभिन्न ईरानी मदरसों में पढ़ाई कर रहे हैं, भी वहीं रुके हुए हैं। आमतौर पर मोहर्रम से पहले उन्हें छुट्टियाँ मिलती हैं और वे भारत लौटते हैं, लेकिन मौजूदा हालात में यह संभव नहीं हो पा रहा। करेली निवासी एक छात्र के पिता ने बताया कि भारतीय दूतावास से संपर्क हुआ है और उम्मीद है कि जल्द ही उनके बेटे की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाएगी।

ईरान में मौजूद लोगों का हाल

रानी मंडी के मौलाना जीशान हैदर ने जानकारी दी कि सभी लोग कुम, मशहद और तेहरान जैसे स्थानों पर सुरक्षित हैं। स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से ध्यान रख रहा है और भारतीय नागरिक आपस में संपर्क में हैं।

दांदूपुर के मौलाना मोहम्मद हसन ने बताया कि कुम शहर में स्थिति नियंत्रण में है और सभी तीर्थयात्री दूतावास के संपर्क में बने हुए हैं। सभी लोग उड़ानों की बहाली का इंतजार कर रहे हैं।

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