समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदमों का समाजवादी पार्टी समर्थन करती है। उनका कहना है कि जब आतंकवाद की जड़ों पर प्रहार किया जाएगा, तो उसकी शाखाएं अपने आप समाप्त हो जाएंगी। वह प्रदेश सपा मुख्यालय में आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन में मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पार्टी सर्वदलीय बैठक में अपनी राय रखेगी और आतंकवाद से सख्ती से निपटने की आवश्यकता है। यह एक संवेदनशील मुद्दा है, और हमारी सेना पूरी तरह सक्षम है। वह बोले, “हमारी सेना को भरोसा है और कोई चूक स्वीकार्य नहीं है।”
अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह वोट के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा में एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों के होने के बावजूद पार्टी विपक्ष और विशेष रूप से ब्राह्मणों के खिलाफ राजनीतिक दुर्भावना से फैसले लेती है। उन्होंने दावा किया कि पीडीए में सभी पीड़ित और शोषित लोग शामिल हैं, और समाजवादी पार्टी 2027 में भाजपा सरकार को हटा कर सत्ता में आएगी। विधानसभा में नेता विपक्ष, माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि भाजपा जातिवाद की राजनीति करती है, और ब्राह्मण समाज अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी को समर्थन देगा।
ब्राह्मणों के योगदान को मान्यता देते हुए, अखिलेश यादव ने कहा कि ब्राह्मण समाज ने हमेशा समाज को दिशा दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में ब्राह्मणों पर हो रहे अत्याचार की कई घटनाएँ सामने आई हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि समाजवादी सरकार में ब्राह्मण परिवारों को लैपटॉप और कन्याधन जैसे लाभ दिए गए, जबकि भाजपा सरकार ने भगवान परशुराम जयंती पर सार्वजनिक अवकाश को रद्द कर दिया।
इसके जवाब में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव पर तीखा हमला किया, आरोप लगाया कि सपा ने समाज में जातिवाद फैलाने का काम किया। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज पर बोलने का अखिलेश यादव को कोई अधिकार नहीं है। ब्रजेश पाठक ने सपा शासनकाल में ब्राह्मणों के खिलाफ हुए अत्याचारों के कई उदाहरण दिए, जैसे कन्नौज में नीरज मिश्रा की हत्या और इटावा में वाजपेयी परिवार का अपमान। उन्होंने सपा पर ब्राह्मणों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप भी लगाया।