आजमगढ़। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा आजमगढ़ में नए आवास के निर्माण और गृह प्रवेश से पहले ही एक नया विवाद सामने आ गया है। अनवरगंज क्षेत्र (थाना कंधरापुर) में स्थित इस नवनिर्मित भवन में पार्टी कार्यालय भी संचालित होगा। मगर इसके उद्घाटन से पहले ही ब्राह्मण समाज के एक वर्ग ने विरोध दर्ज कराया है।
ब्राह्मण समाज की नाराजगी
ब्राह्मण समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि हाल ही में इटावा में कथावाचकों की जाति को लेकर उपजे विवाद में अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया ने ब्राह्मण समाज की छवि को नुकसान पहुंचाया है। इसके विरोध में कई स्थानों पर लोगों ने अपने घरों के बाहर काले झंडे लगाकर नाराजगी जताई।
विरोध का राजनीतिक असर
सगड़ी, अतरौलिया और मुबारकपुर जैसे क्षेत्रों में जहां समाजवादी पार्टी का जनाधार मजबूत रहा है, वहीं विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें सामने आई हैं। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि अगर यह असंतोष बरकरार रहा तो आगामी चुनावों में इसका असर सपा को झेलना पड़ सकता है।
भाजपा नेता का बयान
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हरबंस मिश्रा ने भी इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इटावा की घटना को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर, यादव और ब्राह्मण समाज के बीच दरार पैदा करने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि सदियों पुराना भाईचारा — जहां ब्राह्मण यादव के घर पूजा करता है और यादव ब्राह्मण के घर दूध लाता है — उसे नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
मिश्रा ने यह भी कहा कि ब्राह्मण समाज इस घटनाक्रम से आहत है और अखिलेश यादव को इसका जवाब आगामी चुनावों में मिलेगा।