अयोध्या के राम मंदिर में एक बार फिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार शेषावतार मंदिर, सप्त मंडपम और परकोटा के मंदिरों में स्थापित होने वाली मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। यह आयोजन तीन से पांच मार्च तक चलेगा। खास बात यह है कि पांच मार्च को गंगा दशहरा के अवसर पर सभी मंदिरों में एक साथ मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होगी।
शेषावतार मंदिर में विराजमान होगी लक्ष्मण की मूर्ति
शेषावतार मंदिर में भगवान लक्ष्मण की मूर्ति स्थापित की जाएगी। वनवासी वेश में साढ़े चार फीट ऊंची यह मूर्ति संगमरमर से बनी है। राजस्थान के जयपुर में तैयार की गई यह मूर्ति 30 मई को अयोध्या पहुंचेगी। मूर्ति निर्माण का काम अब अंतिम चरण में है।
मंदिरों में दर्शन की व्यवस्था
गंगा दशहरा के बाद छह मार्च से परकोटा और सप्त मंडपम के मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए दर्शन शुरू हो जाएंगे। हालांकि, शेषावतार मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों को कुछ और समय इंतजार करना होगा, क्योंकि इसके निर्माण का 20 प्रतिशत कार्य अभी भी बाकी है।
शेषावतार मंदिर की विशेषताएं
शेषावतार मंदिर की ऊंचाई लगभग 30 फीट होगी। इस मंदिर में वंशीपहाड़पुर के 17,500 घनफुट लाल पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है। मंदिर के शिखर पर कलश और उसके ऊपर ध्वज दंड स्थापित किया जाएगा। जुलाई के अंत तक मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है।
तीन दिवसीय समारोह की रूपरेखा तैयार
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि शेषावतार मंदिर का निर्माण देर से शुरू हुआ था, लेकिन अब एक से डेढ़ माह में यह तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी 14 मंदिरों के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के लिए तीन दिवसीय उत्सव की योजना बनाई जा रही है।