अयोध्या-संस्कृति का ‘हिरासत गलियारा’ न बन जाए… अखिलेश का योगी सरकार पर प्रहार

लखनऊ में शनिवार को सपा मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोरखपुर में सपा प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई अभद्रता के जिम्मेदार भाजपा एवं प्रशासन पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि गोरखपुर के दुकानदाराें से मिलने गए हमारे कार्यकर्ताओं पर भाजपा के लोगों ने बुलडोजर तान दिया और पुलिस-प्रशासन ने उनका साथ दिया।

‘झांसी-गोरखपुर मेट्रो’ का घोटाला
अखिलेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणाओं को मात्र शोर बताया, “झांसी और गोरखपुर में मेट्रो की पहले ही घोषणा कर दी गई थी, लेकिन नौ साल में न मेट्रो बनी न विकास की कोई तस्वीर दिखी।”

‘बाज़ार भाव’ का मुआवज़ा चाहिए
विरासत गलियारा परियोजना के तहत दुकानदारों से ‘सहमति-पत्र’ जबरन करवाए जाने पर वे आगबबूला हुए, “मुआवज़ा आपसी सहमति से नहीं, बल्कि बाजार भाव पर देना चाहिए। सरकार जमीन अधिग्रहण के नाम पर स्थानीय लोगों को डराकर, डरा-धमकाकर कम रेट पर ले रही है।”

धोखे की राजनीति
अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता “कारिडोर के नाम पर जमीन औने-पौने दाम में खरीदकर ऊँचे रेट पर बेच रहे हैं,” और यह “मलाई काटने” का तंत्र अयोध्या-प्रयागराज में सीट गंवाने का कारण बना। उनका इशारा मथुरा, गोरखपुर पर भी था।

सीएसपी-डीएम पर कार्रवाई का वादा
सपा मुखिया ने चेतावनी दी कि अगर गोरखपुर के डीएम एवं एसएसपी के खिलाफ अभद्रता की जांच नहीं हुई, तो सत्ता में आने पर उनकी जवाबदेही तय की जाएगी।

सेक्युलरिज्म और सोशलिज्म पर ‘धमकी’
संविधान की मूल भावना—सेक्युलरिज्म व सोशलिज्म—का विरोध करने वाले भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, “यह लोग सीधे संविधान के खिलाफ बोल नहीं सकते, इसलिए सेक्युलरिज्म व सोशलिस्ट शब्दों पर हमला कर रहे हैं।”

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