बिजनौर सामूहिक आत्महत्या मामला: केस दर्ज होते ही साहूकार बोले- ‘हमने नहीं दिया कर्ज’

बिजनौर (नूरपुर)। जिले के नूरपुर क्षेत्र के गांव टंढेरा में आर्थिक तंगी और कर्जदाताओं के दबाव से त्रस्त एक मजदूर ने ऐसा कदम उठाया, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। मजदूर पुखराज ने अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ जहरीला पदार्थ खा लिया। इलाज के दौरान उसकी पत्नी और दोनों बेटियों की मौत हो गई, जबकि पुखराज की हालत गंभीर बनी हुई है।

घटना के बाद पुलिस ने नौ स्थानीय साहूकारों और दो निजी फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। जिन पर पीड़ित परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। पुलिस ने अब तक छह आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

शादी के कर्ज ने ली तीन जानें

परिवार पर यह आर्थिक बोझ तब और बढ़ गया जब पुखराज की बेटी पूनम की शादी के लिए उसने लगभग सवा लाख रुपये का कर्ज लिया। बताया गया कि समय पर किश्तें न चुका पाने के कारण यह कर्ज बढ़कर छह लाख रुपये तक पहुंच गया था। लगातार तकादे और मानसिक दबाव से टूटकर पुखराज ने पत्नी रमेशिया (50), बड़ी बेटी अनीता उर्फ नीतू (21) और छोटी बेटी सविता उर्फ सीतू (18) के साथ जहर निगल लिया। तीनों की मौत हो गई जबकि पुखराज का इलाज जारी है।

पूनम की तहरीर पर दर्ज हुआ मुकदमा

घटना के बाद पुखराज की विवाहित बेटी पूनम ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। तहरीर में गांव टंढेरा निवासी सेठा, गुडडू उर्फ रामावतार, रमेश का बेटा, बिंदर और बीरबलपुर उर्फ बूढ़पुर निवासी प्रदीप, नरदेव, मूलचंद, रजनीश उर्फ लालू, सतीश के अलावा चांदपुर और नूरपुर की दो फाइनेंस कंपनियों को नामजद किया गया है।

साहूकार अब कर्ज से कर रहे इनकार

पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए छह साहूकार अब कर्ज देने की बात से मुकर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ में सभी यही कह रहे हैं कि उन्होंने कोई कर्ज नहीं दिया। हालांकि पुलिस ने इनके पास से मिले रजिस्टर और दस्तावेज जब्त कर लिए हैं, जिनसे उधारी और ब्याज की सच्चाई सामने आ सकती है।

ग्रामीणों ने बताया फाइनेंस कंपनियों की मनमानी

गांव के लोगों का कहना है कि फाइनेंस कंपनियां कर्ज देने से पहले फाइल चार्ज के नाम पर दो से तीन हजार रुपये तक वसूलती हैं। पचास हजार रुपये के कर्ज पर करीब ढाई हजार रुपये की मासिक किश्त बनती है। यदि किश्त की तारीख रविवार को पड़े तो शनिवार को ही भुगतान की मांग की जाती है। कई बार समय पर भुगतान न होने पर कर्ज लेने वालों को सार्वजनिक रूप से अपमानित भी किया जाता है।

जनता में आक्रोश, सख्त निगरानी की मांग

इस हृदयविदारक घटना के बाद इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है। लोग मांग कर रहे हैं कि फाइनेंस कंपनियों और अवैध साहूकारों की गतिविधियों पर शासन-प्रशासन सख्ती से नजर रखे, ताकि कोई और गरीब परिवार कर्ज के बोझ तले जान न गंवाए।

“साहूकारों और दो फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज कर छह लोगों को हिरासत में लिया गया है। पूछताछ जारी है, जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।”
विनय कुमार सिंह, एएसपी देहात, बिजनौ

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