उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कार्रवाई की तैयारी में है। एटीएस की जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर अवैध धर्मांतरण के जरिए 100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम इकट्ठा की है। आशंका जताई जा रही है कि यह धनराशि न केवल धर्मांतरण के लिए इस्तेमाल हुई, बल्कि इसका संबंध टेरर फंडिंग से भी हो सकता है।
ईडी के पास जाएगी पूरी रिपोर्ट
एडीजी (कानून-व्यवस्था) अमिताभ यश ने बताया कि छांगुर बाबा और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ बड़ी धनराशि की हेराफेरी के सबूत मिले हैं। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट ईडी को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है, ताकि मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई हो सके और पैसों के स्रोतों की विस्तृत जांच की जा सके।
बैंक खातों और विदेशी संपर्कों की जांच
जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा और उसके गिरोह ने 40 से अधिक बैंक खाते विभिन्न व्यक्तियों और संस्थानों के नाम पर खुलवाए थे। इन खातों से कई संदिग्ध लेन-देन हुए हैं, जिनका संचालन उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी किया जा रहा था। इसके अलावा, गिरोह के कुछ सदस्य 40 बार से अधिक इस्लामिक देशों की यात्राएं कर चुके हैं। इस कारण यह संदेह गहराया है कि उनकी गतिविधियों का संबंध अंतरराष्ट्रीय संगठनों से हो सकता है जो अवैध धर्मांतरण को बढ़ावा देते हैं।
एनआईए भी करेगी पूछताछ
छांगुर बाबा को रिमांड पर लेने के बाद उससे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा भी पूछताछ की जाएगी। गिरफ्तारी के बाद से केंद्रीय एजेंसियां अलर्ट पर हैं और नेपाल सीमा से सटे इलाकों में चल रहे संभावित धर्मांतरण नेटवर्क की जांच कर रही हैं। एनआईए और एटीएस इस मामले में समन्वय बनाकर जांच को आगे बढ़ा रहे हैं।