धामपुर (बिजनौर)। आर्थिक संकट और मकान को लेकर चल रहे विवाद से परेशान एक महिला ने राष्ट्रपति को पत्र भेजकर अपने पति, दो बेटों और बेटी सहित इच्छामृत्यु की मांग की है। महिला का आरोप है कि साहूकारों से लिया गया कर्ज अब उसके परिवार पर भारी पड़ रहा है, और उन्हें मकान से जबरन बेदखल करने की कोशिश हो रही है। मामले में आत्मदाह की चेतावनी के बाद पुलिस ने महिला के पति और बेटे को गिरफ्तार कर शांतिभंग की कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया है।
रामकुमार प्रजापति की पत्नी रुक्मिणी देवी, जो दुर्गा विहार कॉलोनी की निवासी हैं, ने राष्ट्रपति को भेजे पत्र में लिखा है कि कोरोना महामारी के दौरान उनके पति गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। उस समय मजबूरी में दो स्थानीय साहूकारों से 11 लाख रुपये ब्याज पर उधार लिए गए थे। रुक्मिणी का आरोप है कि आर्थिक तंगी का फायदा उठाकर साहूकारों ने उनके घर के एग्रीमेंट के बदले धोखे से रजिस्ट्री अपने नाम करा ली।
महिला ने बताया कि 20 जून को आरोपी करीब 20 से 25 अन्य लोगों के साथ उनके घर पहुंचे और मुख्य द्वार को गैस कटर से काटकर जबरन घर में दाखिल हो गए। इस दौरान उनके परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट की गई, घर में लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए गए और लाखों रुपये के आभूषण व दस्तावेज भी उठा ले गए।
पीड़िता का कहना है कि जब उन्होंने पुलिस से शिकायत की तो उसे गंभीरता से नहीं लिया गया। अब आरोपियों द्वारा उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। इसी मानसिक दबाव में आकर उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र भेजा है।
इसी प्रकरण में रुक्मिणी के पति रामकुमार ने आत्मदाह की चेतावनी दी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें और उनके बेटे शिवम को हिरासत में लेकर शांतिभंग की धाराओं में चालान किया। एसडीएम कोर्ट ने दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
मामले की निष्पक्ष जांच होगी: सीओ
सीओ अभय कुमार पांडे ने बताया कि पूरा मामला संज्ञान में लिया गया है और पीड़ित परिवार ने उनसे व्यक्तिगत रूप से मुलाकात भी की है। उन्होंने निष्पक्ष जांच और आवश्यक कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।