लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रभुत्ववादी सोच रखने वाले लोगों ने उस कलाकार को भी नहीं बख्शा, जो अपनी थाप से समाज को दिशा देता है। उसकी ढोलक छीनकर और आरोप लगाकर ऐसे तत्वों ने अपने ही समाज की सहानुभूति गंवा दी है।
अखिलेश यादव ने ‘इटावा कथावाचन पीडीए अपमान कांड’ का ज़िक्र करते हुए कहा कि आज पूरा पीडीए समाज पीड़ितों के साथ खड़ा है और उनकी आवाज़ बन चुका है। उन्होंने भाजपा पर नौ वर्षों के कार्यकाल में कोई ठोस उपलब्धि न दिखा पाने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार केवल समाजवादी सरकार की योजनाओं पर अपना नाम चिपकाकर श्रेय लेने में लगी है।
‘समाज को बांटने की साजिश कर रही भाजपा’
सपा अध्यक्ष ने भाजपा पर पड़ोसी राज्यों से लोगों को बुलाकर उत्तर प्रदेश में ‘घुसपैठिया राजनीति’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कुछ नकारात्मक तत्वों की गलतियों से समाज कमजोर नहीं होगा, बल्कि और अधिक एकजुट होकर उभरेगा।
‘भाजपा को नहीं है अपने नेताओं पर भरोसा’
अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि क्या यूपी में भाजपा का कोई ऐसा नेता नहीं है जिस पर दिल्ली नेतृत्व को भरोसा हो? उन्होंने दावा किया कि इसी कारण भाजपा बाहर से लोगों को लाकर प्रदेश में साजिश रच रही है। साथ ही उन्होंने चेताया कि यदि सरकार प्रदेश की सीमाओं को अराजक तत्वों के लिए खोल रही है, तो उसे स्पष्ट रूप से घोषणा करनी चाहिए, या फिर ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।
‘आर्थिक विषमता पर भी उठाया सवाल’
अखिलेश यादव ने आर्थिक असमानता का मुद्दा उठाते हुए पूछा कि आखिर कैसे देश की 90% पूंजी महज 1% लोगों के पास चली गई? उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार मूलभूत समस्याओं के समाधान में कोई रुचि नहीं रखती और जनता के बुनियादी सवालों से लगातार बच रही है।