जौनपुर (उत्तर प्रदेश)। जिले के बहुचर्चित बेलाव घाट दोहरे हत्याकांड मामले में एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने फैसला सुनाते हुए पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत चारों आरोपियों को आरोपों से मुक्त कर दिया है। न्यायालय ने सबूतों के अभाव और गवाहों के बयान में विरोधाभास को देखते हुए यह निर्णय सुनाया।
धनंजय सिंह ने फैसले पर जताया संतोष
निर्णय के बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने कहा कि उन्हें राजनीतिक दुर्भावना के चलते इस मामले में फंसाया गया था। उनका इस घटना से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए न्यायपालिका पर भरोसा जताया। कोर्ट से बरी होने के बाद धनंजय सिंह के समर्थकों में उत्साह और संतोष देखा गया।
क्या था मामला?
यह हत्याकांड वर्ष 2010 में केराकत थाना क्षेत्र के बेलाव घाट पर हुआ था, जहां संजय निषाद और नंदलाल निषाद की ठेकेदारी विवाद को लेकर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मुख्य आरोपी के तौर पर सुनीत और पुनीत के विरुद्ध केस दर्ज किया गया था। वहीं, मामले की जांच के दौरान धनंजय सिंह और उनके सहयोगी आशुतोष सिंह पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया और उन्हें भी चार्जशीट में शामिल किया गया।
28 गवाहों में अधिकांश पलटे
इस केस की सुनवाई के दौरान 28 गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन अधिकतर अपने पूर्व बयानों से पलट गए। साक्ष्यों की कमी और गवाही के अभाव में अदालत ने सभी चारों आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया।
समर्थकों में खुशी की लहर
कोर्ट के फैसले के बाद न्यायालय परिसर के बाहर मौजूद धनंजय सिंह के समर्थकों में जश्न का माहौल बन गया। समर्थकों ने इसे सच्चाई की जीत बताया।