बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश में विभागीय तबादलों में हो रहे भ्रष्टाचार को गंभीरता से लेते हुए इस पर विजिलेंस और एसआईटी के माध्यम से समयबद्ध जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई आवश्यक है, ताकि ऐसी अनियमितताओं पर अंकुश लगाया जा सके।
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी अपने बयान में लिखा कि जिस प्रकार देश के कई राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी विभागीय कार्यों, खासकर तबादलों में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी को लेकर लगातार चर्चाएं हो रही हैं, वह चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इन मामलों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों को सक्रिय करना चाहिए और एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित कर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।
बसपा प्रमुख ने यह भी कहा कि अफसरों की मनमानी और पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण जनता का भरोसा सरकारी तंत्र से उठता जा रहा है। ऐसे में सरकार को तत्काल सख्त कदम उठाने चाहिए।
स्टांप विभाग में तबादला घोटाले पर पहले ही हो चुकी है कार्रवाई
गौरतलब है कि हाल ही में स्टांप एवं पंजीयन विभाग में तबादलों को लेकर गंभीर अनियमितताओं की शिकायत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कठोर कार्रवाई करते हुए आईजी स्टांप समीर वर्मा को पद से हटा दिया था। इसके साथ ही उनके द्वारा किए गए 210 तबादलों को भी रद्द कर दिया गया।
यह कार्रवाई स्टांप एवं पंजीयन राज्य मंत्री रवींद्र जायसवाल की ओर से की गई शिकायत के आधार पर हुई, जिसमें उन्होंने आईजी स्टांप द्वारा तबादलों में भ्रष्टाचार और लेनदेन के आरोप लगाए थे। मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच के निर्देश भी दे दिए हैं।