गाजियाबाद पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो जेल में बंद अपराधियों को फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे जमानत दिला रहा था। क्राइम ब्रांच और कविनगर थाने की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए इस गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि इस गिरोह ने अब तक करीब 700 अपराधियों को नकली दस्तावेजों की मदद से जमानत दिलवाई थी।
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी सबसे पहले फर्जी खतौनी तैयार करते थे। इसके आधार पर उसी नाम-पते पर फोटो लगाकर नकली आधार कार्ड बनाते थे। फिर सीएससी सेवा केंद्र की जाली मोहर लगाकर इन्हें असली दस्तावेज जैसा दिखाया जाता था। गिरोह के सदस्य बाद में अदालत में फर्जी ज़मानती बनकर पेश होते और जमानत करवा लेते।
500 से 700 रुपये में फर्जी ज़मानत
गिरफ्तार आरोपियों में अनोज यादव, इसरार, बबलू, लोकेन्द्र, राहुल शर्मा, सुनील कुमार और विकास राजपूत उर्फ सम्राट शामिल हैं। इनमें कुछ आरोपी पूर्व में भी जेल जा चुके हैं और कई पर गंभीर धाराओं में मामले दर्ज हैं। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया है कि वे 500 से 700 रुपये में फर्जी ज़मानतदार उपलब्ध कराते थे। गिरोह का मुख्य संचालक विकास उर्फ सम्राट था, जो एलएलबी का छात्र है और फर्जी दस्तावेज़ तैयार करने में माहिर है।
फर्जी दस्तावेजों का जखीरा बरामद
एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह ने बताया कि छापेमारी के दौरान पुलिस को 21 नकली आधार कार्ड, 18 फर्जी खतौनियां, लैपटॉप, बेल बॉन्ड, स्टांप और अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। विकास न केवल खुद फर्जी दस्तावेज बनाता था, बल्कि अपने साथियों को भी यह तरीका सिखाता था। पुलिस अब गिरोह के अन्य फरार सदस्यों की तलाश में है और जल्द ही और गिरफ्तारियां होने की संभावना जताई गई है। फिलहाल आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है।