लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और अपना दल (एस) के नेता आशीष पटेल ने एक बार फिर सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। इस बार उन्होंने राज्य के सूचना विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने दावा किया कि सूचना विभाग का 1700 करोड़ रुपये का बजट उनकी पार्टी के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने में इस्तेमाल किया जा रहा है।
पार्टी में चल रही बगावत और नेताओं के पाला बदलने की चर्चाओं के बीच आशीष पटेल का यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “हर रोज अपना दल (एस) के टूटने की खबरें प्रचारित की जा रही हैं—कभी नौ विधायकों के जाने की बात, तो कभी बारह के।”
“तोड़ने की बजाय खत्म ही कर दीजिए पार्टी” – आशीष पटेल
अपने तीखे बयान में उन्होंने व्यंग्य करते हुए लिखा, “जिसे जितना हिस्सा चाहिए, बंटवारा कर लीजिए। नौ, दस, बारह विधायकों को जहां शामिल कराना है, करा दीजिए। और चाहें तो एक ही बार में घोषणा कर दीजिए कि अपना दल (एस) अब रहा ही नहीं।”
आशीष पटेल ने आगे कहा कि सूचना विभाग के बजट का “उचित उपयोग” तब होगा जब यह काम एक दिन में ही पूरा हो जाएगा। उन्होंने अपनी पार्टी को संघर्षशील बताते हुए कहा, “अपना दल कोई ताश के पत्तों का महल नहीं, बल्कि वह घास है जो हर कठिन परिस्थिति में उग आती है। यह पार्टी वंचितों और शोषितों की आवाज है, जो किसी भी साजिश के सामने झुकने वाली नहीं है।”
पुराने मुद्दों को भी उठाया
आशीष पटेल ने यह भी दोहराया कि पार्टी छोड़ चुके कुछ नेताओं को सरकारी पदों से हटाने के लिए उन्होंने दो बार सरकार को पत्र लिखा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य अरविंद सिंह पटेल और अपर शासकीय अधिवक्ता मोनिका आर्या (चौधरी बृजेन्द्र प्रताप सिंह की पत्नी) को हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि ये नियुक्तियां अपना दल (एस) के कोटे से की गई थीं, और पार्टी छोड़ने के बाद इन पर बने रहना अनुचित है।